झारखंड में ‘इंडिया’ ब्लॉक के नवनिर्वाचित विधायकों ने रविवार को एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख हेमंत सोरेन को नेता चुन लिया है। इसके बाद उन्होंने गठबंधन के नेताओं के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का दायित्व सौंपा है।
नवनिर्वाचित 56 विधायकों की सूची सौंपी
हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को ‘इंडिया’ ब्लॉक के नवनिर्वाचित 56 विधायकों की सूची सौंपी। संभावना जताई जा रही है कि वह नए सीएम के रूप में 28 नवंबर को शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित किया जाएगा।
नवनिर्वाचित विधायकों को दी बधाई
इसके पहले कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पर गठबंधन के चार दलों झामुमो, कांग्रेस, राजद और भाकपा (माले) के विधायकों और नेताओं की बैठक हुई। इसमें नई सरकार की रूपरेखा और शपथ ग्रहण समारोह की तारीख, स्थान और इस मौके पर अतिथियों के निमंत्रण आदि पर विचार-विमर्श हुआ। हेमंत सोरेन ने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह राज्य की जनता के साथ-साथ गठबंधन के एक-एक कार्यकर्ता की जीत है।
हेमंत सोरेन होंगे चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता
हेमंत सोरेन चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले पहले नेता होंगे। इसके पहले उन्होंने पहली बार 13 जुलाई 2013 को झामुमो, कांग्रेस, राजद गठबंधन के सहयोग से बनी सरकार में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस सरकार का कार्यकाल 23 दिसम्बर 2014 तक था। दूसरी बार उन्होंने 29 दिसम्बर 2019 में शपथ ली थी और 31 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था। जमानत पर बाहर आने के बाद 4 जुलाई 2024 को उन्होंने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हेमंत सोरेन के पहले उनके पिता शिबू सोरेन और भाजपा के अर्जुन मुंडा तीन-तीन बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं।
झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में गठबंधन को 56 सीटें हासिल हुई हैं। झामुमो को 34, कांग्रेस को 16, राजद को चार और भाकपा (माले) को दो सीटों पर जीत मिली है। राज्य में पहली बार दो-तिहाई बहुमत के साथ कोई सरकार बनने जा रही है।