मध्य प्रदेश के शाजापुर से एक ऐसा मामला सामने आया जो चुनावी राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल रहा है। दरअसल, ग्राम बोलाई निवासी एक महिला, जो शनिवार सुबह एक हादसे में घायल हुई अपनी रिश्तेदार को जिला अस्पताल लेकर आई थी। महिला को सुबह ही भर्ती भी कर लिया गया। लेकिन उसके बाद सुबह से ईलाज के नाम पर मरीज को कोई देखने तक नहीं आया। महिला का कहना है कि सुबह से हमारे घर वालों का दर्द से बुरा हाल हो रहा है। लेकिन किसी ने सुध तक नहीं ली है।
शिक्षा मंत्री के सामने ही फूट पड़ा महिला का गुस्सा
लाचार मरीज अस्पताल में तड़ती रही। अस्पताल की लापरवाही के मारे महिला का दर्द फूट पड़ा और कहनी लगी कि घर से इतनी दूर आकर हमारा राम-नाम सत्य हो, इससे अच्छा है घर वालों के सामने ही दम तोड़ देते। घायल महिला को ना तो इलाज मिला और न ही किसी ने उनकी सुध ली। वहीं जब शाम को राज्य के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अचानक अस्पताल पहुंच गए तो उनके सामने महिला का गुस्सा बाहर आ गया और उक्त महिला ने मंत्री के सामने ही डॉक्टर को खरी-खोटी सुना दी। मरीजों की बात सुन मंत्री परमार भी अस्पताल की व्यवस्थाओं पर जमकर नाराज हुए और मौके पर मौजूद सिविल सर्जन और डॉक्टरों को व्यवस्था सुधारने और त्वरित उपचार के निर्देश दिए।
कैमरे के सामने आने से बचते रहे डॉक्टर
वहीं इस पूरे मामले की महिला ने शिक्षा मंत्री के सामने अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी तो मंत्री ने भी चिकित्सकों को जमकर लताड़ लगाई। जिसके बाद चिकित्सक मूक बने वहां खडे़ रहे। वहीं जब मंत्री के आने पर मीडियाकर्मी अस्पताल पहुंचे और चिकित्सकों से मामले की जानकारी लेना चाही तो कोई भी चिकित्सक कैमरे के सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।