चीन और पाकिस्तान की ओर से उकसावे भरे कदम को देखते हुए भारतीय वायुसेना लगातार अपनी ताकत में इजाफा कर रही है। अब वायुसेना ने इजरायली हेरोन Mark2 ड्रोन को अपने बेड़े में शामिल किया है। इस ड्रोन में पाकिस्तान-चीन सीमा की निगरानी के साथ ही मिसाइल हमला करने की भी क्षमता है। इस ड्रोन के शामिल होने से वायुसेना को और अधिक बल मिलने की संभावना है।
क्या है खूबियां?
वायुसेना में शामिल किए गए 4 हेरोन ड्रोन काफी आधुनिक तकनीक के हैं। ये एक ही बार में लगातार 36 घंटों तक उड़ान भर सकते हैं और दुश्मनों के ठिकानों का आसानी से पता लगा सकते हैं। रिमोट से संचालित होने के कारण इसे काफी दूर से कंट्रोल किया जा सकता है। लद्दाख और कश्मीर जैसी ऊंचाई वाली जगहों पर भी ये ड्रोन किसी भी मौसम में आसानी से अपना काम कर सकते हैं।
मिसाइल अटैक करने में सक्षम
फॉरवार्ड एयरबेस पर तैनात किए गए इन हेरोन Mark-2 ड्रोन को कई घातक हथियारों जैसे एयर टू एयर और एयर टू ग्राउंड मिसाइल, एंटी टैंक हथियार और बमों से भी लैस किया जा सकता है। भारतीय सेना भी हेरोन ड्रोन का इस्तेमाल करती है जिन्हें जल्द ही सैटेलाइट कम्यूनिकेशन और हथियार ले जाने के लिए अपग्रेड किए जाने का प्लान है.
अमेरिका से भी आ रहे ड्रोन
भारत ने अमेरिका के साथ भी 31 प्रेडेटर ड्रोन खरीदने की डील की है। ये ड्रोन दुनिया के सबसे उन्नत तकनीक के साथ आता है। भारत को ऐसे तकनीक के ड्रोन मिलेंगे जो बड़े हथियार, आधुनिक सेंसर्स के साथ आएंगे। इनमें से 15 ड्रोन भारतीय नौसेना को मिलेंगे। वहीं, 8-8 ड्रोन वायुसेना और थल सेना के हिस्से में जाएंगे।