‘अरे भाई अपनी बात लिखकर दे दीजिए, हंगामा क्यों कर रहे हैं? हम यहां बैठे हैं न!’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस अपील के बाद माले विधायकों ने विधानसभा के अंदर अपना विरोध प्रदर्शन वापस लिया। वे बेल से वापस लौटकर अपनी-अपनी सीटों पर बैठ गए।
इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के अनुरोध को माले विधायक नकार चुके थे। वे लगातार बेल में खड़े होकर हंगामा कर रहे थे। दरअसल, गुरुवार को विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई माले विधायक बेल में आ कर नारेबाजी करने लगे। वे आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर 2500 रुपये करने, वृद्धा और विधवा पेंशन को 3000 रुपये करने, हटाए गए जीविका कैडरों को वापस लेने और उनका मानदेय बढ़ाने तथा स्वच्छताकर्मियों और अन्य सभी संविदा कर्मियों का मानदेय बढ़ाने की मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे अपनी सीटों पर जाकर बात कहने का निर्देश दिया, लेकिन माले विधायक सुनने को तैयार नहीं थे। इस अपील के बाद माले विधायक दल का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिला और उन्हें 5 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। माले विधायकों ने बाद में दावा किया कि मुख्यमंत्री ने इन सभी मांगों पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया।