पटना हाई कोर्ट ने भागलपुर जिले में गंगा नदी पर निर्माणाधीन चार लेन के सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल ढहने के मामले में बुधवार को राज्य सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगी। न्यायमूर्ति पूर्णेंदु सिंह की पीठ ने ललन कुमार द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई की। इस दौरान पुल के निर्माण फर्म, मेसर्स एस.पी. सिंगला कंस्ट्रक्शन प्रा. लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने अगली तारीख, 21 जून को, अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि चार जून को सुल्तानगंज, भागलपुर जिले और खगड़िया जिले के अगुवानी घाट को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर बनाए जा रहे पुल का हिस्सा गिरने से यह अदालत स्तब्ध है। पिछले साल भी, जब निर्माण कार्य चल रहा था, 13 अप्रैल, 2022 को पुल का कुछ हिस्सा ढह गया था। यह अदालत बड़े पैमाने पर जनता के हितों की रक्षा करने और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और प्राकृतिक संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने, समाज और आम लोगों के हित को लेकर चिंतित है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि यह घटना राज्य सरकार और ठेकेदार की शिथिलता के कारण हुई है। कोर्ट ने निर्माण कंपनी मैसर्स एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्रा0 लिमिटेड से 1710 करोड़ रुपये की लागत वाले इस पुल के निर्माण कार्य से संबंधित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि हम मानते हैं कि राज्य सरकार ने पुल ढहने के मामले को गंभीरता से लिया है। अपने अधिकारियों और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई भी की है। राज्य सरकार को सुनवाई की अगली तारीख पर अपनी कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाता है।