जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। टूरिज्म सीजन के बीच 27 निर्दोष लोगों की जान लेने वाली इस त्रासदी के बाद पूरे देश में शोक, आक्रोश और पीड़ा की लहर दौड़ गई है। आम जनता के साथ अब धार्मिक संत और धर्मगुरु भी इस अमानवीय हमले पर खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
“ये सदी की सबसे निंदनीय घटना” – बागेश्वर धाम सरकार
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस हमले को “इस सदी की सबसे निंदनीय घटना” करार दिया। उन्होंने कहा,
“आतंकियों ने किसी की जाति, धर्म या भाषा नहीं देखी… सिर्फ गोलियां बरसाईं। ये हमला मानवता पर हमला है। अगर अब भी हिंदू समाज नहीं जागा, तो कब जागेगा? अब समय आ गया है कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाए।”
धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देना अब वक्त की ज़रूरत बन चुकी है और सरकार को इससे पीछे नहीं हटना चाहिए।
“27 का बदला 2700 से” – रामभद्राचार्य का तीखा प्रहार
जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने भी इस हमले पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“अब सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक नहीं, आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद करना होगा। पाकिस्तान की शह पर यह हमला हुआ है और जब तक वहां से 2700 लाशें नहीं लौटतीं, तब तक न्याय अधूरा रहेगा।”
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि कश्मीर में लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है और ये पूरी तरह एक सोची-समझी साजिश है।
देश चाहता है एक्शन, अब सिर्फ शोक नहीं
इन संतों की प्रतिक्रियाएं न केवल गहरी पीड़ा को दर्शाती हैं, बल्कि देश की आम जनता की भावना को भी स्वर देती हैं। सोशल मीडिया पर भी आम नागरिकों का यही स्वरूप देखा जा रहा है—अब और खामोशी नहीं, अब ठोस कार्रवाई चाहिए।
आतंक के खिलाफ सख्ती की मांग तेज
इस हमले के बाद केंद्र सरकार ने भी सर्वदलीय बैठक बुलाई है और राष्ट्रीय सुरक्षा पर कड़े फैसलों की संभावना जताई जा रही है। बागेश्वर बाबा और रामभद्राचार्य जैसे प्रभावशाली संतों की यह प्रतिक्रिया निश्चित रूप से जनभावनाओं को गहराई से उजागर करती है।