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किराये की पिस्टल, डिप्रेशन और झांसी की रानी…मनु भाकर की अनसुनी कहानी

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पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचते हुए मनु भाकर ने देश की झोली में एक और मेडल डाल दिया है। मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित खेल श्रेणी में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। इसी के साथ एक ही ओलंपिक में 2 पदक जीतने वाली मनु भाकर देश की पहली खिलाड़ी बन गईं हैं। मगर मनु भाकर से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से आपको भी हैरान कर देंगे।

मनु की अनसुनी कहानी

क्या आप जानते हैं कि मनु भाकर की मां उन्हें एथलीट नहीं बल्कि डॉक्टर बनाना चाहती थीं। मनु भाकर की मां उन्हें प्यार से झांसी की रानी बुलाती हैं, इसके पीछे की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर की पिस्टल ने धोखा दे दिया। मनु भाकर डिप्रेशन से भी गुजरीं। मगर तमाम मुश्किलों को मात देकर आज वो विदेश में देश का नाम रोशन कर रही हैं।

मनु बनी झांसी की रानी

मनु की मां उन्हें झांसी की रानी कहकर बुलाती हैं। दरअसल मनु को जन्म देने के फौरन बाद उनकी मां को TET (Teachers Eligibility Test) देने जाना पड़ा। चार घंटे बाद जब मनु की मां वापस आईं तो बेटी को खुश देखकर दंग रह गईं। इसलिए उन्होंने मनु का झांसी की रानी कहना शुरू कर दिया और बेटी का नाम भी मनु रख दिया। रानी लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम भी मनु था।

डॉक्टर बनाना चाहती थीं मां

मनु की मां सुमेधा भाकर का कहना है कि वो बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना देख रही थीं। मगर छोटी सी उम्र में मनु ने शूटिंग का रास्ता चुना। मनु ने किराये की पिस्टल लेकर अपना पहला टूर्नामेंट खेला और आज वो पेरिस ओलंपिक में झंडे गाड़ रहीं हैं। बहुत कम लोगों को पता है कि एक समय पर मनु भाकर डिप्रेशन से भी गुजरी थीं। हालांकि मनु ने हिम्मत नहीं हारी और भगवत गीता का साथ पाकर उन्होंने डिप्रेशन को भी मात दे दी।