ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) ने अब महाराष्ट्र में भी दस्तक दे दी है। नागपुर के एक निजी अस्पताल में सात और 13 साल की उम्र के दो बच्चों का एचएमपीवी टेस्ट पॉजिटिव आया। इन दोनों बच्चों को खांसी और बुखार था। इसके अलावा मुंबई में भी एचएमपी वायरस का पहला केस सामने आया है। मुंबई में छह महीने का बच्चा एचएमपी संक्रमित मिला है। महाराष्ट्र में अभी तक आधिकारिक तौर पर कुल मिलाकर तीन मामले सामने आये हैं।
मुंबई में सामने आया पहला मरीज
जानकारी के अनुसार, मुंबई के पवई स्थित हीरानंदानी अस्पताल में छह महीने की बच्ची में ह्यूमन मेटापेन्यूमोवायरस (HMPV) का मामला सामने आया है। बच्ची को एक जनवरी को गंभीर खांसी, सीने में जकड़न और ऑक्सीजन स्तर 84% तक गिरने के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने नए रैपिड पीसीआर टेस्ट के जरिए वायरस की पुष्टि की।
डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची को आईसीयू में ब्रोंकोडायलेटर्स जैसी दवाओं से लक्षणों का उपचार दिया गया, क्योंकि इस वायरस का कोई विशेष इलाज नहीं है। बच्ची को पांच दिनों बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉक्टर्स ने कही ये बात
इस बीच, बीएमसी स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, लेकिन उन्होंने इन्फ्लूएंजा और गंभीर श्वसन संक्रमण की निगरानी बढ़ा दी है। डॉक्टर का कहना है की HMPV दशकों से मौजूद है और मुख्य रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है, लेकिन यह कोविड जैसी महामारी का कारण बनने की संभावना नहीं है।
भारत में अब तक मिल चुके हैं 9 केस
बता दें कि भारत में अभी तक HMPV वायरस के कुल 9 मामले सामने आये हैं। पहला और दूसरा मरीज कर्नाटक का, तीसरा गुजरात का, चौथा पश्चिम बंगाल, पांचवा और छठा तमिलनाडु के चेन्नई का और सातवां और आठवां मरीज नागपुर में संक्रमित पाया गया है। 9वां मरीज मुंबई में संक्रमित मिला।
सरकार ने जारी की एडवाइजरी
इससे पहले सोमवार को महाराष्ट्र सरकार ने हेल्थ एडवाइजरी जारी की थी। एडवाइजरी में महाराष्ट्र सरकार ने लोगों से खांसते या छींकते समय अपना मुंह और नाक ढकने का आग्रह किया। राज्य सरकार ने लोगों से बार-बार साबुन से हाथ धोने और लक्षण दिखने पर सार्वजनिक स्थानों से दूर रहने को कहा है।
इस बीच, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि चीन से एचएमपीवी रिपोर्टों के बारे में चिंता का कोई कारण नहीं है। महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के समन्वय से एचएमपीवी स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।