भागलपुर : गुरुवार देर रात शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर होलिका दहन पूरे विधि-विधान और शुभ मुहूर्त के अनुसार संपन्न हुआ। रंगोत्सव आज मनाया जाएगा। खलीफाबाग, लहेरीटोला, शीतला स्थान चौक, रामसर, परबत्ती, घंटाघर चौक, मुंदीचक सहित कई स्थानों पर भक्तिभाव से होलिका दहन किया गया। खासकर खलीफाबाग चौक और लहेरीटोला में मारवाड़ी समुदाय द्वारा भव्य आयोजन किया गया।
यहां मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने एकत्रित होकर गोबर से बनी बड़कुल्ला को अग्नि को समर्पित किया, जो पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार होलिका की अग्नि से पकवान बनाने के लिए शुभ माना जाता है। वहीं सभी स्थानों पर स्थानीय लोगों के द्वारा आयोजन स्थल पर आवश्यक सामग्री पहले से एकत्रित कर रखी गई थी। सम्मत परंपरागत तरीके से बालू बिछाकर, गाय के गोबर, पुआल, लकड़ी और उपले का उपयोग कर तैयार किया गया था। आयोजनकर्ता के द्वारा मानक ऊंचाई का ध्यान रखा गया था। शास्त्रत्तें के अनुसार समय होते ही विधिपूर्वक होलिका में अग्नि प्रज्ज्वलित कर परंपरा को निभाया गया। संगीता वर्मा, सारिका जैन, सुनीता सर्राफ, सृष्टि सर्राफ सहित कई मारवाड़ी महिलाओं ने बताया कि मारवाड़ी परिवारों में गोबर से बड़कुल्ला बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिनकी विभिन्न आकृतियां तैयार की गई हैं। परंपरा के अनुसार बड़कुल्ला को लकड़ी में बांधकर परिवार सहित सम्मत स्थल तक ले जाया जाता है और अग्नि को समर्पित किया गया है। इसके बाद जली हुई राख को घर लाती हूं, जिसे ठंडा होने पर परिवार के सदस्यों और प्रियजनों को लगाया जाता है। यह परंपरा सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
भागलपुर। होली को लेकर बाजारों में गुरुवार को जबरदस्त भीड़ रही। शहर के मुख्य बाजार, भीखनपुर चौक, तिलकामांझी चौक, मिरजानहाट, सराय चौक सहित कई इलाकों में लोग आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए उमड़ पड़े।
सड़कों के किनारे रंग और पिचकारी की दुकानें सजी रहीं। खासतौर पर स्पाइडरमैन, मोटू-पतलू और मछली वाली, प्रेशर गन जैसी आकर्षक पिचकारियां बच्चों के लिए मुख्य आकर्षण बनीं और लोगों ने जमकर खरीदारी भी की। इनकी कीमत य्10 से लेकर य्1800 रुपये तक रही। लोगों ने रंग-गुलाल और फूलों से बने हर्बल गुलाल की भी खरीदारी की। वहीं, पारंपरिक पकवान बनाने के लिए खाद्यान्न दुकानों पर भी लोगों की अच्छी खासी भीड़ बनी रही। वहीं सब्जियों की कीमतों में भी उछाल देखा गया। कटहल 80 रुपये प्रति किलो की दर से बिका। साथ ही होली के पारंपरिक परिधान जैसे बच्चों के धोती-कुर्ता और फ्रॉक की भी अच्छी बिक्री हुई। सड़कों के किनारे दुकान लगाने वाले फुटकर दुकानदारों ने भी अच्छी कमाई की। लोहिया पुल के नीचे पिचकारी बेच रहे संजू मंडल ने बताया कि इस बार 10 से 1000 रुपये तक की पिचकारी उपलब्ध है, जिनकी बिक्री जोरों पर है। पिचकारी के अलावा मालिंगा बाल की भी बड़ी डिमांड है। साथ ही शेर, मोटू-पतलू और भूत वाले मास्क भी लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं।
आदमपुर चौक पर नर सेवा नारायण सेवा ने किया होलिका दहन
युवाओं की टोली ने एक-दूसरे को लगाई धूल मिट्टी
शहर के कई इलाकों में गुरुवार को बच्चों और युवाओं की टोली ने पारंपरिक तरीके से धूल-मिट्टी उड़ाकर जमकर धुरखेल खेली। जिले के दक्षिणी क्षेत्रों में इस अनोखी परंपरा का विशेष रूप देखने को मिला। धुरखेल खेल रहे कुणाल, आनंद, कृष्णा, संजू, कर्ण, रितिक और रोहन सहित कई युवाओं ने कहा कि हमलोगों को इस पल का सालभर इंतजार करना पड़ता है। धुरखेल की परंपरा धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है।
आदमपुर चौक पर गुरुवार को नर सेवा नारायण सेवा संस्था की ओर से होलिका दहन किया गया। सम्मत परंपरागत तरीके से और मानक ऊंचाई का ध्यान रखते हुए विधिपूर्वक रात 1050 बजे जलाया गया। आयोजन का नेतृत्व नर सेवा नारायण सेवा संस्था के अध्यक्ष दिनेश मंडल ने किया। कार्यक्रम में आदमपुर क्षेत्र के नागरिकों सहित विभिन्न संस्थाओं के सदस्य भी मौजूद रहे। इस दौरान महंत अरुण बाबा, अब्बन दादा, विवेक यादव, योगेंद्र चौधरी, प्रदीप कुमार आदि मौजूद रहे।
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