शनिवार को राम मंदिर पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव लाया गया। इस दौरान अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में CAA का नोटिफिकेशन जारी होगा। उन्होंने कहा कि मैं साफ कर देना चाहता हूं कि इससे किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। इसका उद्देश्य केवल धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पाकिस्तानी, अफगानिस्तानी और बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना है। राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान उन्होंने कहा कि 22 जनवरी आने वाले वर्षों के लिए ऐतिहासिक दिन होगा। यह वह दिन था, जिसने सभी रामभक्तों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा किया।
राम मंदिर पर क्या बोले अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “22 जनवरी का दिन महान भारत की यात्रा की शुरुआत का दिन है। ये दिन मां भारती विश्व गुरु के मार्ग पर ले जाने को प्रशस्त करने वाला दिन है। इस देश की कल्पना राम और रामचरितमानस के बिना नहीं की जा सकती। राम का चरित्र और राम इस देश के जनमानस का प्राण है। उन्होंने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी ने हर नियम का पालन किया। 11 दिन तक प्रधानमंत्री शय्या पर नहीं सोए। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन से अनभिज्ञ होकर कोई भी इस देश के इतिहास को पढ़ ही नहीं सकता।
पीएम मोदी 11 दिनों तक शय्या पर नहीं सोए
अमित शाह ने कहा कि 1528 से हर पीढ़ी ने इस आंदोलन को किसी न किसी रूप में देखा है। ये मामला लंबे समय तक अटका रहा, भटका रहा। मोदी जी के समय में ही इस स्वप्न को सिद्ध होना था और आज देश ये सिद्ध होता देख रहा है। पीएम मोदी जनता के प्रतिनिधि हैं। ऐसे में रामजन्मभूमि न्यास ने उन्हें आमंत्रित किया शिलान्यास के लिए। ऐसे में पीएम मोदी के आचरण को देखना चाहिए। पीएम मोदी का आचरण दुनिया के लोगों को प्रेरणा देगा। मोदी जी को जब मौका मिला तो उन्होंने रामनंदी समुदाय और वैष्णव संप्रदाय के लोगों से पूछा। 11 दिनों तक केवल पीएम मोदी ने नारियल पानी के साथ उपवास किया। 11 दिन पूरे समय राममय और रामभक्ति में बसे रहना। पीएम मोदी ने इन सभी नियमों का पालन किया।