सशस्त्र सीमा बल के कार्यक्रम में बोले गृह मंत्री अमित शाह, तीन साल में देश से नक्सलियों का होगा खात्मा

Amit Shah

असम के तेजपुर में एसएसबी कॉम्प्लेक्स में सशस्त्र सीमा बल के कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शिरकत की।

एसएसबी बल देश की रक्षा में तत्पर- अमित शाह 

अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में पीएम ने सभी सीएपीएफ के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। चाहे वह सीआरपीएफ हो या सीमा पर तैनाय अन्य सभी संगठन। आज, भारत सरकार ने एक डाक टिकट भी जारी किया। भारत और चीन युद्ध के बाद 1963 में एसएसबी की स्थापना हुई थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वन बॉर्डर वन आर्मी की नीति लागू की थी।

एसएसबी बल 2001 से भारत-नेपाल सीमा और 2004 से भारत-भूटान सीमा पर देश की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीमाओं की रक्षा के अलावा एसएसबी के साथ ही अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) ने छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी रूप से अपना कर्तव्य निभाया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में अगले तीन साल में देश नक्सली समस्या से 100 फीसदी मुक्त हो जाएगा।

कैसे अस्तित्व में आया एसएसबी?

1962 में चीन के आक्रमण के बाद मई 1963 में सशस्त्र सीमा बल को विशेष सेवा ब्यूरो के रूप में स्थापित किया गया था। 2001 में एसएसबी को इंडो नेपाल के लिए लीड इंटेलिजेंस एजेंसी घोषित किया गया और इंडो नेपाल सीमा की रक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई। बाद में 2004 में भारत-भूटान सीमा भी एसएसबी के जिम्मे आया।

मार्च 2004 में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त हुआ। एसएसबी सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देता है। साथ ही सीमा पर अपराधों, भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ को रोकना, अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाना जैसे प्रमुख कार्य हैं।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
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