राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. बी.आर. अंबेडकर पर की गई अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ देशभर में व्यापक गुस्सा है. जगह-जगह विरोध हो रहे हैं लेकिन न तो अमित शाह और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी प्रकार की जिम्मेदारी लेने और उपचारात्मक कार्रवाई करने को तैयार हैं.
इसके खिलाफ आज वाम दलों ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन के तहत राजधानी पटना सहित राज्य के कई जिला मुख्यालयों पर विरोध दर्ज किया. भाकपा–माले, सीपीआई, सीपीएम और एआइएफबी व आरएसपी ने संयुक्त रूप से आज के विरोध का आह्वान किया था.
राजधानी पटना में जीपीओ गोलंबर से अमित शाह के इस्तीफे की मांग के साथ प्रदर्शन शुरू हुआ और बुद्ध स्मृति पार्क के पास एक सभा आयोजित की गई, जिसे विभिन्न दलों के नेताओं ने संबोधित किया. पटना में आज के प्रदर्शन में माले के अमर, सरोज चौबे, केडी यादव, महबूब आलम, अभ्युदय; सीपीएम के सर्वोदय शर्मा, सत्येंद्र यादव, मनोज चंद्रवंशी, शिवकुमार विद्यार्थी; सीपीआई के गुलाम सरवर आजाद, विनोद कुमार, विश्वजीत कुमार सहित जितेंद्र कुमार, समता राय, शिवसागर शर्मा, शंभूनाथ मेहता, पन्नालाल सिंह, अनय मेहता, संजय यादव, सबीर कुमार, प्रीति कुमारी, पुनीत कुमार, विनय कुमार आदि शामिल रहे.
सभा को संबोधित करते हुए महबूब आलम ने कहा कि अमित शाह की टिप्पणी संविधान और बाबा साहब के प्रति भाजपा व आरएसएस की घृणा का प्रदर्शन है. मनुस्मृति को देश का संविधान बना देने की उनकी बेचैनी साफ तौर पर जाहिर हो रही है लेकिन देश की जनता संविधान और बाबा साहब पर हो रहे हर हमले का जोरदार प्रतिवाद जारी रखेगी.
उन्होंने कहा कि बाबा साहब के संविधान की जगह मनुस्मृति को थोपने की भाजपाई कोशिश को देश की जनता बेनकाब करेगी. पटना के अलावा आरा, दरभंगा, सीवान, मुजफ्फरपुर, बेतिया आदि जगहों पर भी प्रदर्शन किए गए.