भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस 2024-29 के 55 छात्रों के साथ हुए रैगिंग प्रकरण में पता चला कि इस बैच के महज दो दर्जन एमबीबीएस छात्राओं को ही सरकारी हॉस्टल मिला था। इन छात्राओं के हॉस्टल पर मंगलवार को हॉस्टल खाली करने का नोटिस चस्पा कर दिया गया। वहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने निर्णय लिया है कि हॉस्टल से निष्काषित छात्राएं जब छठ पूजा के बाद कॉलेज आएंगी, तब उनसे हॉस्टल खाली करा लिया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि 2023-28 एमबीबीएस बैच के एक भी छात्र को सरकारी हॉस्टल आवंटित नहीं हुआ था। 20 से 25 की संख्या में एमबीबीएस छात्राओं को ही तिलकामांझी बस स्टैंड के सामने स्थित स्टूडेंट हॉस्टल में कमरा आवंटित किया गया था। मंगलवार को इस हॉस्टल में रह रहीं 2023-28 बैच की छात्राओं को हॉस्टल खाली करने का नोटिस चस्पा करा दिया गया। वहीं छठ पूजा के बाद इनके हॉस्टल वापसी पर हॉस्टल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
120 एमबीबीएस छात्रों का सेमेस्टर बैक व 11 छात्रों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की हुई है अनुशंसा
गौरतलब हो कि करीब 12 दिन पहले जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में इस तरह की रैगिंग की गई थी जिसमें बर्बरता की सारी हद पार हो गई थी। एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 55 छात्र जब मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो इनकी रैगिंग एमबीबीएस 2023 बैच के 120 छात्रों ने की। छात्रों ने एमबीबीएस 2024 के सभी छात्रों का सिर मुड़ा दिया।, साथ ही उन्हें मुर्गा भी बनाया था। 11 सीनियर छात्रों ने तो नई छात्राओं के व्हाट्सएप पर अश्लील मैसेज भेज दिया था। पीड़ित छात्रों ने इसकी शिकायत सबूत के साथ एनएमसी से कर दी। एनएमसी ने दोषी पाये जाने पर 120 छात्रों को सेमेस्टर बैक किए जाने व 11 सीनियर छात्रों पर सेमेस्टर बैक के साथ-साथ 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की अनुशंसा की गई है। इसी के तहत सेमेस्टर बैक रहने तक इन छात्राओं को सरकारी हॉस्टल से निकाले जाने का निर्णय लिया गया।