महिलाएं कैसे बनती हैं नागा साधु? दिल पर पत्थर रखकर करना पड़ता है ये भयानक काम

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नागा साधुओं को तो आपने कई बार देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी किसी महिला नागा साधु को देखा है? शायद नहीं, क्योंकि महिला नागा साधु लोगों के सामने बेहद कम आती हैं। आमतौर पर उन्हें महाकुंभ के दौरान ही देखा जा सकता है। आखिर ऐसा क्यों है? महिला नागा साधु कहां रहती हैं? महिलाएं नागा साधुओं का पता जानने से पहले ये जान लेना बेहद जरूरी है कि महिलाएं नागा साधु कैसे बनती हैं? यह प्रक्रिया काफी मुश्किल और हैरान करने वाली है। तो आइए जानते हैं महिला नागा साधु से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में…

महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया

महिला नागा साधु बनना आसान नहीं है। इसके लिए महिलाओं को कई मुश्किल पड़ाव पार करने पड़ते हैं। नागा साधु बनने के लिए महिलाओं को 6-12 साल कर ब्रह्मचर्य का पालन करना रहता है। इसके बाद ही उन्हें नागा साधु बनने की इजाजत मिलती है। दरअसल नागा एक तरह की पदवी होती है। वैष्णव, शैव और उदासीन अखाड़े नागा साधुओं के ही होते हैं।

महिला नागा साधओं के कपड़े

आमतौर पर पुरुष नागा साधुओं को नग्न रहने की अनुमित रहती है। पुरुष नागा साधु सार्वजनिक स्थान पर भी बिना कपड़ों के जा सकते हैं। मगर महिलाओं को ऐसी कोई अनुमति नहीं मिलती। महिला नागा साधुओं को गेरुआ वस्त्र धारण करना पड़ता है। यह वस्त्र कहीं से सिला नहीं होना चाहिए। महिला नागा साधु एक लंबा और गैर सिला गेरुआ वस्त्र पहनती हैं। साथ ही उनके माथे पर तिलक होता है और पूरे शरीर पर भस्म लगा रहता है।

महिलाएं कैसे बनती हैं नागा साधु?

कई सालों तक ब्रह्मचर्य का पालन करने के बाद अखाड़े के महामंडलेश्वर महिलाओं को संन्यासी बनाने की प्रक्रिया पूरी करवाते हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने सारे रिश्ते-नाते तोड़ कर खुद को भगवान के प्रति समर्पित करना होता है। उन्हें गेरुआ वस्त्र धारण करने के साथ-साथ अपना सिर भी मुंडवाना पड़ता है। वहीं हिंदू धर्म में मरने के बाद पिंडदान किया जाता है। मगर महिला नागा साधुओं से जीते जी अपना खुद का पिंडदान करवाया जाता है। इसके बाद वो अपनी पिछली जिंदगी भूल कर नई शुरुआत करती हैं।

कहां रहती हैं महिला नागा साधु?

पुरुष नागा साधु अक्सर लोगों के सामने आते हैं। वहीं महिला नागा साधु पहाड़ों, जंगलों और गुफाओं में जीवन यापन करती हैं। यहां रहकर वो भगवान में ध्यान लगाती हैं। वहीं महाकुंभ के दौरान महिला नागा साधुओं को संगम में डुबकी लगाते हुए देखा जा सकता है। अगले साल 2025 के महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होगा, जहां महिला नागा साधुओं के दर्शन किए जा सकेंगे।

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