लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में आरजेडी दम भरती हुई नजर आ रही है कि इस बार हम एनडीए को कड़ी टक्कर देंगे. लालू यादव की बेटी ने तो यहां तक कह दिया कि हमारी गठबंधन इस बार 22 सीटें जीतेंगे. इस बार भी औवैसी की पार्टी AIMIM ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है सीमांचल सहीत उन सीटों के बारे में जानेंगे जहां मुस्लिम आबादी भरपूर है. तो चलिए जान लेते हैं कि महागठबंधन की दावे में कितनी सच्चाई है?
सीमांचल में 47 फीसद मुस्लिम आबादी, ओवैसी की पकड़ मजबूत
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. जहां कुल सात चरणों में वोटिंग होनी है. सीमांचल की कुल चार लोकसभा सीटें हैं जिन पर महागठबंधन की खास नजर है. चार सीटें निम्न हैं पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज. इसमें से सबसे ज्यादा मुस्लिम अबादी किशनगंज में हैं. इन चारों जिलों को मिला दिया जाय तो कुल 47 फीसद मुस्लिम हैं.किशनगंज में पिछली बार की लोकसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी को 2 लाख से अधिक वोट मिला था. 2020 की विधानसभा चुनाव में 5 सीटें भी जीतने में कामयाब हो गई थी. हालांकि बाद में उनकी पार्टी के 4 विधायकों ने पाला बदल लिया था.इस बार की चुनाव में भी ओवैसी की पार्टी ने 13 लोक सभा में अपने प्रत्याशी उतारने की बात की हैं. ध्यान देने वाली बात है कि ये सभी मुस्लिम बहूल लोक सभा सीटें हैं.
सीमांचल की 4 सीटों पर लडे़गी चुनाव ओवैसी की पार्टी ने पहले ही बता दिया था कि वो भागलपुर, कटिहार, पुर्णिया सहित सीमांचल की चार सीटों पर चुनाव लडेगी. पुर्णिया की सीट पर भी मुस्लिम आबादी ठीक ठाक है..
AIMIM किन सीटों पर लड़ेगी चुनाव
चलिए जानते हैं कि किन सीटों पर ओवैसी की पार्टी की नजर है जहां से उसने अपने प्रत्याशी उतारने वाली है. किशनगंज, अररिया , कटिहार, पुर्णिया, दरभंगा, बक्सर, गया, मुजफ्फरपुर, उजियारपुर, काराकाट, भागलपुर, गोपालगंज, शिवहर, पाटलिपुत्र और मधुबनी( अभी विचाराधीन).
खास बात है कि इन सभी सीटों पर अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है. अब सवाल उठता है कि जिस मुस्लिम वोट पर राजद अपना दावा ठोकती है वहां से ओवैसी अपनी प्रत्याशी उतार रहे हैं.. तो ऐसे में राजद को ठीक ठाक नुकसान होता हुआ दिख रहा है. बहरहाल यह तो अब चुनाव के बाद ही पता चलेगा कि क्या तेजस्वी का जादू चलेगा या फिर उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है.