लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के सामने सीट शेयरिंग को लेकर कई चुनौतियां हैं. इस बीच दिल्ली में कांग्रेस की अहम बैठक हुई. इस बैठक में पार्टी ने पश्चिम बंगाल में आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की. सूत्रों ने बताया कि यहां कांग्रेस लेफ्ट (वामदलों) की बजाय ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ हाथ मिला सकती है. बैठक में आम राय बनी कि कम से कम छह से आठ सीटें मिली तो कांग्रेस टीएमसी के साथ गठबंधन करेगी.
कितने सीटों पर बन सकती है बात
सूत्रों के मुताबिक बैठक में राहुल गांधी ने बंगाल के सभी नेताओं से पूछा कि कितने लोग टीएमसी के साथ गठबंधन चाहते हैं? करीब बीस नेताओं में से केवल एक नेता ने हाथ उठाया, लेकिन बाद में ज्यादातर नेताओं ने टीएमसी से हाथ मिलाने को बेहतर बताया. बंगाल कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि टीएमसी से गठबंधन में कम से छह से आठ सीटें लेनी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि आप लोगों की बातें ध्यान में रखकर, अब मैं गठबंधन में सीटों की बात करूंगा.
कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेताओं के साथ आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई. हमारे नेता और कार्यकर्ता हमारा संदेश और संकल्प घर-घर तक पहुंचाएंगें.” एआईसीसी मुख्यालय में बैठक के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, रणनीति आलाकमान तय करेगा. इस मीटिंग में हमारे विचार लिए गए.
बंगाल की तीनों पार्टियां इंडिया गठबंधन में शामिल
दरअसल, बंगाल में अब तक कांग्रेस का लेफ्ट (वामदलों) के साथ गठबंधन रहा है और टीएमसी यहां कई सालों से सत्ता में है. तीनों ही पार्टियां इंडिया गठबंधन में शामिल हैं. ऐसे में सीटों का बंटवारा करना एक बड़ी चुनौती है. हालांकि ममता बनर्जी भी साफ कर चुकी हैं कि तीनों दलों का गठबंधन संभव है.
पश्चिम बंगाल की राजनीति में सीएम ममता बनर्जी और वामदलों में हमेशा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है. यहां 34 साल तक सरकार में रहे वामदल को ममता बनर्जी ने हराकर साल 2011 में टीएमसी की सरकार बनाई थी. राज्य में लोकसभा की 42 सीटें हैं.
जनवरी में तय होगा सीट बंटवारे का फॉर्मूला
मंगलवार (19 दिसंबर) को विपक्षी गठबंधन इंडिया की अहम बैठक हुई. इस बैठक में सीटों के बंटवारे को लेकर चुनौती बनने वाले राज्यों दिल्ली, पंजाब, यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और बंगाल को लेकर चर्चा हुई. माना जा रहा है कि जनवरी के दूसरे हफ्ते तक गठबंधन में शामिल पार्टियां सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तैयार कर लेगी.