राजधानी दिल्ली में देशभर से छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए आते हैं। उनके परिवार इस उम्मीद में छात्रों को दिल्ली भेजते हैं ताकि उनके नौनिहाल पढ़ लिखकर अफसर बन सकें लेकिन प्रशासन और सरकारों की लापरवाही से वे असमय मौत का शिकार हो गए। कैसे बारिश के बाद एक बेसमेंट में पानी भर जाता है और लाइब्रेरी में पढ़ रहे 13-14 छात्र डूब जाते हैं, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस और एनडीआरएफ के जवान उन्हें बचा लेते हैं।
राजेंद्र नगर की राव कोचिंग सेंटर में देर रात बारिश का पानी भर जाता है जिससे 3 छात्रों की जान चली गईं। जानकारी के अनुसार मरने वालों की पहचान नवीन डालविन, श्रेया यादव और तानिया सोनी के रूप में हुई है। शुरुआती जानकारी के अनुसार सीवर और नालों में पानी जाम हो गया और सड़कों पर भर गया। इस बीच एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट का गेट टूट गया। इस कारण वहां मौजूद छात्र डूबने लगे।
दिल्ली सरकार ने दिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
जानकारी के अनुसार जिस वक्त ये हादसा हुआ उस समय में बेसमेंट में 13-14 छात्र मौजूद थे। ऐसे में अचानक पानी भरने से सभी अंदर ही फंस गए। हालांकि सभी को निकाल लिया गया, लेकिन 2 छात्राएं और 1 छात्र अंदर ही फंस गए और तीनों की जान चली गईं। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
9 फीट गहरा बेसमेंट पूरी तरह पानी से भरा
एएनआई से मिली जानकारी के अनुसार सेंट्रल जोन के डीसीपी हर्षवर्धन ने बताया कि बीएनएस की धारा 105, 106 (1), 115 (2), 290 और 35 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला कोचिंग संस्थान और बिल्डिंग के प्रबंधन और उन लोगों के खिलाफ है जो उस जगह के नाले के रख-रखाव के लिए जिम्मेदार थे। अभी तक हमने उस कोचिंग सेंटर के मालिक और समन्वयक को हिरासत में लिया है। वहीं बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने दावा किया कि बच्चों की मौत करंट लगने से हुई है। बेसमेंट करीब 9 फीट गहरा था जो कि पूरी तरह पानी से भर गया। गोताखोरों ने बेसमेंट में जाकर 2 छात्राओं और 1 छात्र का शव बरामद किया है।
भाजपा बताएं पिछले 15 साल में क्या किया?
ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना पर आप विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा यह लो-लाइन एरिया है। इस लाइन से पानी बहता है। नाला या सीवर टूट गया है और पानी बेसमेंट में भर गया है। टीमें अपना काम कर रही हैं। भाजपा को भी जवाब देना चाहिए कि उन्होंने क्या किया? पिछले 15 सालों से वे पार्षद हैं, फिर भी नाला क्यों नहीं बनवाया। एक साल में सारे नाले नहीं बन सकते। राजनीति की कोई जरूरत नहीं है, अभी महत्वपूर्ण बच्चों की जान है।