कैसी होगी अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित होने वाली रामलला की मूर्ति? चंपत राय ने किया खुलासा

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अयोध्या धाम में इस समय महोत्सव की तैयारियां चल रही हैं। सदियों बाद रामलला अपने जन्मस्थान पर विराजमान होने वाले हैं। 22 जनवरी को शुभमुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मंदिर का प्रथम तल लगभग बनकर तैयार है। इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मेहमानों को न्योता मिल रहा है। 30 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हवाई अड्डा समेत कई सौगातें दे गए हैं। सीएम योगी हर रोज अपडेट ले रहे हैं।

वहीं इसी बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति के बारे में जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि गर्भगृह में विराजित होने वाली मूर्ति 51 इंच ऊंची होगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राम भगवान विष्णु के अवतार थे इसलिए इस बाल्यकाल स्वरुप मूर्ति का रंग श्याम वर्ण रखा गया है। मूर्ति पांच साल के बालस्वरूप की बनाई गई है। जिसमें चेहरे पर बाल स्वरुप, देवत्व और एक राजा के पुत्र के भाव साफ़ झलक रहे हैं।

‘गर्भगृह में केवल रामलला की ही मूर्ति स्थापित की जाएगी’

इसके साथ ही चंपत राय ने बताया कि गर्भगृह में केवल रामलला की ही मूर्ति स्थापित की जाएगी। मां जानकी, लक्ष्मण और हनुमान जी के साथ की मूर्ति प्रथम तल वाले मंदिर में रखी जाएगी। मां जानकी के साथ गर्भगृह में मूर्ति ना रखने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि गर्भगृह में बाल्यकाल के समय की मूर्ति है, इसलिए उसमें मां जानकी की मूर्ति नहीं है। चंपत राय ने बताया कि मंदिर के पूर्ण निर्माण में अभी 6 से 8 महीने का समय और लगेगा।

इस महीने तक पूरा हो जाएगा निर्माण

मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया है कि अयोध्या में तीन मंजिला राम मंदिर का निर्माण इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया है कि अभी राम मंदिर के भूतल का निर्माण पूरा हुआ है, पहली और दूसरी मंजिल का निर्माण दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा। स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि कोई भी कार्य इस तरह से नहीं किया जाएगा जो नियमों, सिद्धांतों, मर्यादा पुरषोत्तम राम के जीवन के खिलाफ हो।

1000 साल तक टिका रहेगा मंदिर

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा है कि श्रद्धालु निर्माण की गुणवत्ता और इसके टिकाऊपन से संतुष्ट होंगे। उन्होंने बताया कि इस मंदिर के कम से कम 1000 साल तक टिका रहने की उम्मीद है। वहीं, मूर्ति चुनने के विषय पर उन्होंने कहा कि इस बारे में निर्णय कर राय साझा करेंगे। तीन मूर्तियां तैयार की जा रही हैं और उनमें से एक को मंदिर में स्थापित किया जाएगा।

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