एक समय था जब टमाटर का दाम आसमान छू रहा था। ज्यादा दिन नहीं हम बात कुछ महीने पहले की कर रहे हैं जब टमाटर 250 रूपये किलो बिक रहा था। इसका दाम सुनकर ही लोग हैरान हो जाते थे। कुछ लोगों ने तो बढ़े दाम की वजह से टमाटर खाना ही बंद कर दिया था। वही कई लोगों के सामने इसे खरीदने के सिवाय कोई रास्ता भी नहीं था लोग महंगे टमाटर भी मजबुरीवश खरीदा करते थे। जिससे किसान और व्यापारी मालामाल हो गये लेकिन आज फिर इनकी हालत खराब हो गयी है।
टमाटर के भाव अचानक इतना गिर गया है कि इसे कोई पूछने वाला तक नहीं है। हम बात मुंबई की कर रहे हैं जहां थोक मंडी में टमाटर की कीमत 2 से 3 रुपये प्रति किलो आ गिरा है। जिसके कारण किसान टमाटर को फेंकने को विवश हो गये हैं। इस बार किसानों को अच्छी उपज हुई है जिसके कारण टमाटर के दाम में भारी गिरावट आई है।
ऐसी स्थिति में इन टमाटर से जुड़े किसानों के सामने न्यूनतम मूल्य का निर्धारण यानि एमएसपी ही एकमात्र रास्ता बचा हुआ है। अभी किसानों की हालत यह है कि टमाटर के उत्पादन में जितनी लागत लगी है उतना भी निकल पाना मुश्किल हो रहा है। पुणे के थोक मंडी में इसकी कीमत 5 रुपये किलो पर गिर गई है। वही कोल्हापुर में किसान दो रुपये किलो पर टमाटर बेचने को मजबूर हैं।
बता दें कि दो महीने पहले टमाटर की खेती करने वाले किसानों को उम्मीद से कई गुणा अधिक आमदनी हुई थी। कई किसान तो रातों रात मालामाल हो गये थे। कई तो करोड़पति तक हो गये। इसी को देखते हुए इस बार किसानों में टमाटर की खेती का उत्पादन दोगुना कर दिया। जिसकी वजह से आज टमाटर की उपज ज्यादा हुई और ज्यादा उत्पादन होने से आज टमाटर के दामों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। औने पौने दाम पर आज इसे बेचने को किसान मजबुर है। उनके सामने इसके सिवाय कोई रास्ता नहीं बचा है। कई तो इसे फेंकने तक विवश हो गये हैं।