यह कहानी है बिहार की अजमेरी खातून की। आज से लगभग 8 वर्ष पूर्व उसकी शादी सिवान जिले के हरिहरपुर कला गांव में सलाउद्दीन हमारी से हुई थी। शादी के 4 साल सब कुछ ठीक था अचानक सलाउद्दीन को लकवा पड गया, वह एक पैर से विकलांग हो गए और अजमेरी का हंसता खेलता परिवार बिखर गया। परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हुआ तो अजमेरी खातून मजदूरी करने लगी। किसी तरह पति, तीन बच्चे और बुजुर्ग सास ससुर का पालन-पोषण किया।
बिहार सरकार की एकता ग्राम संगठन के प्रयास से मिला फायदा
लेकिन अजमेरी खातून को मजदूरी से परिजनों के लिए दो समय की रोटी का बंदोबस्त करना भी मुश्किल था। पैसे न होने के चलते बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्ग सास-ससुर की दवा लेने तक के पैसे नहीं थे। कच्चे घर और भूखे पेट कई रात जागकर गुजरानी पड़ती। इस बीच साल 2020 में बिहार सरकार की एकता ग्राम संगठन के द्वारा सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत सीआरपी ड्राइव चला। जिसमें सीआरपी के द्वारा अजमेरी खातून का चयन सतत जीविकोपार्जन योजना के लिए किया गया।
कॉस्मेटिक के सामान की फेरी लगाई
चयन होने के बाद अजमेरी ने व्यवसाय के रूप में कॉस्मेटिक के सामान की फेरी लगाई। इतना ही नहीं एकता ग्राम संगठन के द्वारा अजमेरी को 20000 रुपया का कॉस्मेटिक का सामान दिया गया। इसके अलावा अजमेरी को बिहार सरकार की एलजीएफ स्कीम का 7000 रुपया सात महीने तक दिया गया। उसे विशेष निवेश निधि का 10000 रुपये की राशि भी दी गई।
शुरू किया दूध का काम
कॉस्मेटिक का सामान बेचने से अजमेरी और उसके परिवार का भरण पोषण होने लगे। फिर अजमेरी ने थोड़ा-थोड़ा कर पैसे जोड़े और एक सिलाई मशीन खरीद ली। कपड़े सिलने का काम चल निकला तो अजमेरी ने 4 बकरी खरीद ली। आज अजमेरी के पास कुल 11 बकरी हैं और वह दूध भी बेचती है। कभी अजमेरी को खाने के लाले थे और वह पांच प्रकार का व्यवसाय कॉस्मेटिक की फेरी, दुकान, सिलाई मशीन, दूध बेचना और बटाई पर खेती करने का काम करती हैं। आज अजमेरी खातून की कुल संपत्ति 1.17804 लाख है। वह हर महीने 10 से 12 हजार रुपये कमाती हैं। अजमेरी खातून का सपना है कि वह अपने पति के लिए किराना के सामान की थोक की दुकान खोलें।