महाकुंभ के मेले में आईं हर्षा रिछारिया पिछले दो दिन से सोशल मीडिया पर छाईं हुईं हैं। रथ पर साधु-संतों के साथ सवार उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसके बाद चारों तरफ उनकी चर्चा होने लगी कि आखिर साध्वी बनी ये सुंदर महिला है कौन? लोगों ने उनका सोशल मीडिया अकाउंट खंगाल डाला और उनके पुराने फोटोज़-वीडियोज़ सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्हें ट्रोल करने लगें। कई लोगों ने उन्हें पाखंडी बताया तो कई लोगों ने उनकी आस्था पर तरह-तरह के सवाल उठाए।
हर्षा ने ट्रोलर्स को दिया जवाब
अब उन सभी ट्रोलर्स को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हर्षा रिछारिया आज मीडिया के सामने आईं और उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे कोई साध्वी नहीं हैं। उन्होंने साध्वी के लिए कोई भी धर्मिक संस्कार अभी तक नहीं करवाए हैं और ना ही अभी तक कोई दीक्षा ली है। इसलिए उन्हें साध्वी का टाइटल ना दिया जाए। उन्होंने सिर्फ गुरु दीक्षा और मंत्र दीक्षा ली है जिसका वे अभी पालन कर रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि वे खुद को सनातन धर्म के लिए समर्पित कर चुकी हैं। साध्वी होने में और सनातन धर्म के लिए खुद को समर्पित करने में बहुत फर्क है। उन्होंने आगे बताया कि वे अभी भी अपने परिवार के लोगों और अपने दोस्तों के साथ वक्त बिताती हैं।
सनातन से जुड़कर आगे क्या करना चाहती हैं?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने मीडिया को बताया कि, वे सनातन धर्म और संस्कृति से जुड़कर आगे बढ़ना चाहती हैं। साथ में युवाओं को भी सनतन के प्रति आकर्षित करना चाहती हैं। उनके साथ मिलकर सनातन के लिए काम करना चाहती हैं। आगे जब हर्षा से यह पूछा गया कि सनातन के लिए आपकी ग्लैमरस जिंदगी की टर्निंग प्वाइंट कौन सी थी? इस पर हर्षा ने जवाब देते हुए कहा कि, ”जब आप जीवन में काफी कुछ हासिल कर लेते हैं तो आपको एहसास होता है कि यह सब शांति नहीं देते हैं।”
महाराज जी से कैसे जुड़ीं?
इस सवाल के जवाब में हर्षा ने बताया कि वे सिर्फ अध्यात्म से जुड़ना चाहती थीं। उन्हें भगवान के लिए साधना करनी थी। धर्म और सनातन के राह पर चलते रहना था। धीरे-धीरे वे धर्म से जुड़ने लगीं फिर वे अपने गुरुदेव से मिलीं। उसके बाद वे उनके मार्गदर्शन में सनातन धर्म का पालन कर रही हैं। अब उन्हें यह जीवन बहुत अच्छा लग रहा है। हर्षा रिछारिया ने आगे कहा कि सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को भी सनातन धर्म के लिए काम करना चाहिए। अगर वे इसके लिए काम करेंगे तो युवा उनसे आकर्षित होकर सनातन के राह पर चलना शुरू करेंगे।
सोशल मीडिया पर कैसे हुईं वायरल
हर्षा रिछारिया साध्वी की वेशभूषा धारण किए, माथे पर तिलक और फूलों की माला पहने रथ पर सवार होकर महाकुंभ पहुंचीं थीं। यहां पर उनसे एक महिला मीडियाकर्मी ने सवाल पूछा तो उन्होंने बताया, मैं उत्तराखंड से आई हूं, आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या हूं, मुझे जो करना था वो छोड़कर ये वेश धारण किया है।” हर्षा ने बताया, मेरी उम्र 30 साल है, मैं पिछले दो साल से साध्वी बनी हूं। हर्षा रिछारिया का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हर्षा के इंस्टाग्राम प्रोफाइल के मुताबिक वह सोशल एक्टिविस्ट और इंफ्लुएंसर हैं। वहीं, एक्स पर अपने बायो में उन्होंने खुद को आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरी जी महाराज, निरंजनी अखाड़ा की शिष्या बताया है।