राजनेताओं का अयोध्या जाना या ना जाना अब एक बड़ा सवाल बन चुका है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 6 हजार से अधिक लोगों को निमंत्रण भेजा गया है। इसमें कई विपक्षी दलों के नेताओं को भी न्योता दिया गया है। जिसमें से कई तो अयोध्या जा रहे हैं तो कई नेताओं ने इस निमंत्रण को ठुकरा दिया है। अब उनके निमंत्रण ठुकराने पर विवाद खड़ा हो रहा है। इसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे निमंत्रण नहीं मिला है।
‘निमंत्रण कोरियर से भेजा गया है तो उसकी रसीद उन्हें दिखा दी जाये’
लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि उन्हें अयोध्या में होने जा रहे भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण न तो व्यक्तिगत रूप से और न ही कोरियर से मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें निमंत्रण कोरियर से भेजा गया है तो उसकी रसीद उन्हें दिखा दी जाये, ताकि यह पता चल सके कि निमंत्रण सही पते पर ही भेजा गया है या नहीं।
‘बीजेपी के लोग अन्य लोगों को अपमानित करने का काम करते हैं’
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित किये जाने के सवाल पर कहा, “बीजेपी के लोग अन्य लोगों को अपमानित करने का काम करते हैं। मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिला हैं । जब हम कोई कार्यक्रम करते हैं तो अपने परिचित को ही निमंत्रण देते हैं। हम किसी राह चलते को निमंत्रण नहीं देते। हमें कोई निमंत्रण नहीं दिया गया है।” इस पर एक पत्रकार ने कहा कि सपा प्रमुख को निमंत्रण कोरियर से भेजा गया है। इस पर अखिलेश ने कहा, ”अब यह बात सामने आ रही हैं कि मुझे कोरियर से निमंत्रण भेजा गया हैं । मैं कहता हूं कि आप मुझे कोरियर की रसीद दिलवा दो ताकि हम पता कर लें कि निमंत्रण हमारे ही पते पर आ रहा है या किसी दूसरे पते पर जा रहा है।’’
इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल से पूछा गया कि क्या सपा प्रमुख अखिलेश यादव को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा गया हैं ? इस पर उन्होंने जवाब दिया, “निमंत्रण उन तक पहुंचा हैं, या नहीं, यह मैं नही कह सकता लेकिन निमंत्रण सूची में उनका नाम है।” वहीं इससे पहले कांग्रेस आलाकमान भी इस निमंत्रण को ठुकरा चुका है। बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।