’12वीं तक नहीं पता था क्या होता है IAS’, जानिए अभ्यर्थी को थप्पड़ माने वाले DM की कहानी
अभ्यर्थी को थप्पड़ मारने के बाद सुर्खियों में बने हुए हैं. ऐसे में हर कोई जानना चाह रहा है कि चंद्रशेखर कौन हैं? आईये जानते हैं इनकी कहानी
कहां के रहने वाले हैं चंद्रशेखर?: यूपीएससी 2010 बैच बिहार कैडर आईएएस चंद्रशेखर मूल रूप से यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले हैं. एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अपनी जर्नी के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि साइंस से 12वीं करने के बाद इंजनीयरिंग की तैयारी कर रहे थे. उस समय तक उन्हें नहीं पता था कि आईएएस क्या होता है?
आईएएस क्या होता है, नहीं पता था: 12वीं करने के बाद चंद्रशेखर उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी गए. वहां उन्हें अपने सीनियर से पता चला कि सिविल सर्विसेज क्या होता है. चंद्रशेखर ने बताया था कि वे शिक्षक बनना चाहते थे, क्योंकि जिस पृष्ठभूमि से वे आते थे, वहां शिक्षक बनना बहुत बड़ी बात थी. उन्हें लगा था कि ये आईएएस स्पेशल लोगों के लिए होता होगा.
कॉलेज में मिली जानकारी: ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सीनियर से राय विचार कर सिविल सर्विसेज की तैयारी करने की सोची. पहले प्रयास में प्रीलिम्स और मेन्स क्लियर हो गया लेकिन इंटरव्यू नहीं हुआ. दूसरे प्रयास में भी सफल नहीं हो पाए. तीसरे प्रयास में IRS मिला, लेकिन चद्रशेखर को आईएएस बनना था. चौथे प्रयास में IAS बने और बिहार कैडर मिला.
केके पाठक से हो चुका है विवाद: डीएम चंद्रशेखर इससे पहले भी चर्चा में आ चुके हैं. इसी साल केके पाठक लेकर चर्चा में आ गए थे. जनवरी 2024 में ठंड के कारण स्कूल बंद करने की मांग की गयी थी. केके पाठक ने स्कूल नहीं बंद करने का निर्देश दिया था. इस निर्देश का पटना डीएम ने विरोध किया था. केके पाठक से विवाद के बाद इन्हें पटना से हटा दिया गया था. पांच माह के बाद केके पाठक का शिक्षा विभाग से तबादला होने के बाद चंद्रशेखर को फिर से पटना का डीएम बनाया गया.
अपने अधिकार को बताया था: दरअसल, पटना डीएम ने केके पाठक के लेटर का जवाब देते अपने अधिकार की बात कही थी. शीतलहर को देखते हुए स्कूल बंद करने का फैसला लिया था. कहा था कि धारा 144 लगाने का अधिकार डीएम के पास होता है. दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के तहत उन्हें शक्तियां दी गयी है. इसमें शिक्षा विभाग के अनुमति का प्रावधान नहीं है. केके पाठक से भिड़ने के बाद विपक्ष भी इनका साथ दे रहे थे.
थप्पड़ मारने के बाद चर्चा में: एक बार फिर पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों को थप्पड़ मारने के बाद चर्चा में हैं. शुक्रवार को बीपीएससी 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा के दौरान छात्रों ने बापू परीक्षा केंद्र पर प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप था कि प्रश्न पत्र लेट से मिला. प्रदर्शन के दौरान डीएम ने एक छात्र को थप्पड़ मार दिए. तमाम टीवी चैनल, न्यूज पोर्टल पर खबर चली. डीएम चंद्रशेखर लाइमलाइट में आ गए. इस मामले में बिहार के अधिवक्ता ब्रजेश सिंह ने मानवाधिकार आयोग दिल्ली में शिकायत भी दर्ज करायी है.
क्या बोले डीएम?: इस मामले में पटना डीएम चंद्रशेखर ने अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान केंद्राधीक्षक को हार्ट अटैक आ गया था. उन्हें अस्पताल ले जाना था लेकिन छात्र प्रदर्शन करने से नहीं मान रहे थे. इसलिए हल्का बल का प्रयोग करना पड़ा. उन्होंने कहा कि ‘अभ्यर्थी को थप्पड़ मारने की मंशा नहीं थी.’
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