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मुझे नहीं लगता निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 सीटों के आसपास पहुंच पाती: अमेरिका में बोले राहुल गांधी

ByKumar Aditya

सितम्बर 10, 2024
Rahul in America jpg

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर हैं। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। इस दौरान वो आरएसएस पर भी हमलावर रहे।

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “चुनाव से तीन महीने पहले हमारे सभी बैंक खाते सील कर दिए गए थे… हम इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि अब क्या करना है। मैंने कहा ‘देखेंगे’, देखते हैं हम क्या कर सकते हैं… और हम चुनाव में उतर गए।”

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “चुनावों के बाद कुछ तो बदल गया है। कुछ लोगों ने कहा कि ‘डर नहीं लगता अब, डर निकल गया अब’। मेरे लिए यह दिलचस्प है कि भाजपा और पीएम मोदी ने इतना डर ​​फैलाया, छोटे कारोबारियों पर एजेंसियों का दबाव बनाया, सब कुछ सेकंड में गायब हो गया। उन्हें यह डर फैलाने में वर्षों लग गए और वे कुछ ही सेकंड में गायब हो गया। संसद में, मैं प्रधानमंत्री को सामने देखता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि पीएम मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, ईश्वर से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास है।”

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरएसएस पर कहा, “आरएसएस का कहना है कि कुछ राज्य अन्य राज्यों से कमतर हैं, कुछ भाषाएं दूसरी भाषाओं से पीछे हैं, कुछ धर्म दूसरे धर्मों के बराबर नहीं हैं, और कुछ समुदाय दूसरे समुदायों से कमतर हैं… हर राज्य का अपना इतिहास, परंपरा है… आरएसएस की विचारधारा है कि तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी जैसी भाषाएं पिछड़ी हैं… यही लड़ाई है… ये लोग (आरएसएस) भारत को नहीं समझते।”

राहुल गांधी ने कहा, “चुनावों से पहले हम इस बात पर जोर देते रहे कि संस्थानों पर कब्जा कर लिया गया है। हमारे पास निष्पक्ष खेल का मैदान नहीं है। शिक्षा व्यवस्था पर आरएसएस का कब्जा है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर कब्जा है। हम बार-बार कह रहे थे लेकिन लोग समझ नहीं पा रहे थे… मैंने संविधान उठाकर दिखाना शुरू किया और जो मैंने कहा था वह अचानक लोगों को समझ आया कि संविधान ही देश की असली ताकत है। अगर संविधान नहीं रहेगा तो देश का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।

गरीब लोगों ने गहराई से समझा कि यह संविधान की रक्षा करने वालों और इसे नष्ट करने वालों के बीच की लड़ाई है। जाति आधारित जनगणना का मुद्दा भी बड़ा हो गया। ये चीजें अचानक एक साथ आने लगीं। मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 के करीब पहुंच सकती है।

उनके पास बहुत ज्यादा पैसा था। उन्होंने हमारे बैंक खातों को सील कर दिया था… चुनाव आयोग उनकी मर्जी से काम कर रहा था। पूरे अभियान को इस तरह से तैयार किया गया था ताकि नरेंद्र मोदी पूरे देश में अपना काम कर सकें। जहां वे कमजोर थे, वहां राज्यों में चुनाव को अलग तरीके से डिजाइन किया गया था और जहां वे मजबूत थे, वहां अलग तरीके से। मैं इसे एक स्वतंत्र चुनाव नहीं मानता। मैं इसे एक नियंत्रित चुनाव मानता हूं।”