महाराष्ट्र से चौंका देने वाली खबर सामने आ रही है। छत्रपति सभाजीनगर के डीसीपी शिलवंत नांदेडकर के इकलौते बेटे ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। 17 साल के साहिल नांदेडकर ने आत्महत्या क्यों की? अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। शिलवंत नांदेडकर पुलिस उपायुक्त हेडक्वार्टर के तौर पर तैनात हैं। रविवार सुबह उनको साहिल के फंदा लगाने का पता लगा। साहिल एचएससी की पढ़ाई के साथ ही आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी में जुटा था। बताया जाता है कि वह पढ़ाई में बहुत होनहार था। उसकी गिनती बैच के टॉपर विद्यार्थियों में होती थी। फंदा लगाने से पहले साहिल ने अपने दोस्तों और परिवार के साथ दशहरा मनाया। जिसके बाद मजाक में कहा कि अब पढ़ने के लिए अपने कमरे में जा रहा है।
रात होने के बाद साहिल ने अपने बेडरूम के शीशे पर एक मैसेज लिखा था। जिसका घरवालों को उसकी मौत के बाद पता लगा। साहिल ने लिखा कि उसने अपने जीवन और शरीर का पूरा आनंद ले लिया है। अब फिर से जिंदगी को शुरू करना चाहता है। मैं किसी भी सूरत में हार नहीं मानूंगा। इसके बाद उसने अपने कमरे का गेट अंदर से लॉक किया और पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। रविवार सुबह जब साहिल काफी देर तक नहीं उठा तो डीसीपी नांदेडकर बेटे को जगाने के लिए गए। लेकिन दरवाजा बंद मिला। कई देर खटखटाने के बाद भी किसी ने दरवाजा नहीं खोला।
पुलिस कर रही मामले की जांच
इसके बाद DCP ने खिड़की से झांककर देखा तो बेटा पंखे से लटका दिखा। जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना परिवार को दी। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस मौके पर पहुंची और साहिल को फंदे से उतारकर सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल यह पता नहीं लग सका है कि उसने आत्महत्या क्यों की? वेदांतनगर पुलिस मामले की जांच कर रही है। फिलहाल आकस्मिक मौत का केस दर्ज किया गया है। घटना के बाद परिवार में मातम पसरा है। शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। जिसके बाद प्रतापनगर श्मशान घाट में साहिल का अंतिम संस्कार किया गया है।