भाजपा के साथ मेरे बहुत पुराने संबंध: नीतीश कुमार

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) छोड़ने की संभावना से सोमवार को इनकार करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ उनके संबंध बहुत पुराने हैं। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रमुख ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से हमेशा मिले समर्थन को याद किया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद)-कांग्रेस गठबंधन के साथ अपने दो अल्पकालिक गठबंधनों को एक ‘‘गलती” करार दिया।

“मुझे क्यों नहीं भाजपा के साथ रहना चाहिए?..”

नीतीश कुमार ने वैशाली जिले में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह आदरणीय अटल जी ही थे, जिन्होंने मुझे केंद्रीय मंत्री बनाया। वह मुझ पर बहुत स्नेह बरसाते थे। मुझे अपने प्रस्तावों को मंजूरी दिलाने में कभी कोई कठिनाई नहीं हुई।” उन्होंने राज्यव्यापी ‘प्रगति यात्रा’ के तहत वैशाली जिले का दौरा किया। राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि जब राजग ने 2005 में बिहार में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था, तो वाजपेयी की इच्छा थी कि ‘‘मैं मुख्यमंत्री बनूं।” जदयू अध्यक्ष ने कहा, ‘‘तो, मुझे क्यों नहीं (भाजपा के) साथ रहना चाहिए? मेरी पार्टी के लोगों ने एक-दो बार गलती की (कांग्रेस-राजद के साथ गठबंधन के लिए दबाव बनाकर)। मैंने दोनों बार इसे सुधारा।” नीतीश कुमार इन अटकलों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे कि वह राजग छोड़ रहे हैं।

यह अटकलें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बारे में जताए गए अस्पष्ट रुख के बाद लगाई जा रही हैं। बिहार में एक साल से भी कम समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ये अटकलें तब और तेज हो गईं, जब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने हाल में कहा कि वह नीतीश कुमार के लिए अपने दरवाजे खुले रखेंगे, जो कभी उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे थे।

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