अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व कांग्रेस सदस्य और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जॉन रैटक्लिफ को सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) का निदेशक नियुक्त किया है। यह उन अटकलों के विपरीत है, जिनमें कहा जा रहा था कि यह पद भारतीय-अमेरिकी काश पटेल को दिया जाएगा। कश्यप प्रमोद विनोद पटेल उर्फ काश पटेल को ट्रंप के सबसे वफ़ादार लोगों में गिना जाता है।
पूर्व राष्ट्रपति के प्रति काश पटेल की अटूट निष्ठा को देखते हुए, उन्हें सीआईए निदेशक का पद मिलने की व्यापक उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
हालांकि उन्हें यह पद तो नहीं मिला, लेकिन उनको ट्रंप प्रशासन में एक प्रमुख भूमिका मिलने की संभवना अभी खत्म नहीं हुई हैं। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक का पद अभी भी खाली है। वह इससे पहले अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर मिलर के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में राष्ट्रपति के डिप्टी असिस्टेंट और आतंकवाद निरोधक विभाग के वरिष्ठ निदेशक रह चुके हैं।
जॉन रैटक्लिफ पिछले ट्रम्प प्रशासन में खुफिया निदेशक थे।
ट्रम्प की तरफ से एक बयान में कहा गया, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नेशनल इंटेलिजेंस के पूर्व निदेशक जॉन रैटक्लिफ सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) के निदेशक के रूप में काम करेंगे।
बयान में कहा गया, “क्लिंटन अभियान के फर्जी रूसी सांठगांठ को उजागर करने से लेकर एफआईएसए कोर्ट में एफबीआई द्वारा नागरिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग को पकड़ने तक, जॉन रैटक्लिफ हमेशा अमेरिकी जनता के प्रति सच्चाई और ईमानदारी समर्थक रहे हैं। जब 51 खुफिया अधिकारी हंटर बाइडेन के लैपटॉप के बारे में झूठ बोल रहे थे, तो जॉन रैटक्लिफ अमेरिकी लोगों को सच्चाई बता रहे थे।”
ट्रंप की तरफ गया, “इन और कई अन्य कारणों से, 2020 में जॉन को राष्ट्रीय सुरक्षा पदक प्रदान करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात थी, जो खुफिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि के लिए राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान है।”
ट्रंप ने कहा, “मैं जॉन को हमारे देश के दोनों सर्वोच्च खुफिया पदों पर सेवा देने वाले पहले व्यक्ति के रूप में देखना चाहता हूं। वह सभी अमेरिकियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए एक निडर योद्धा होंगे, साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के उच्चतम स्तर और शक्ति के माध्यम से शांति सुनिश्चित करेंगे।”