आईएएस अधिकारी और ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव मनीष रंजन मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय के हिनू स्थित ऑफिस पहुंचे। ईडी की टीम इनसे ग्रामीण विकास विभाग में हुए टेंडर घोटाला मामले में पूछताछ करेगी और इनका बयान दर्ज करेगी।
मनीष रंजन को इससे पहले 22 मई को समन जारी कर 24 मई को बुलाया गया था, लेकिन वो उस तारीख में उपस्थित नहीं हो सके और ईडी से अगली तारीख मांगी थी। इसके बाद ईडी ने उन्हे फिर से समन जारी कर 28 कई को पूछताछ के लिए बुलाया था।
टेंडर कमीशन घोटाला मामले ईडी अबतक मंत्री आलमगीर आलम, उनके ओएसडी रहे संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में अबतक आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 6 मई को ईडी की टीम ने राँची में संजीव लाल और जहांगीर आलम के आवास पर छापेमारी कर 37 करोड़ रूपये कैश बरामद किये। दो दिनों तक चले इस मामले की छापेमारी में 37 करोड़ रूपये की बरामदगी हुई और विभाग में कमीशनखोरी से जुड़े कई कागजात और पुर्चे भी मिले थे। जिसमें कमीशन का प्रतिशत और कमीशन लेने और देने वालों के नाम और कोड लिखे गये थे। इसी मामले पर आगे की कार्रवाई करते हुए ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया और फिर उनके विभाग में सचिव रहे मनीष रंजन को पूछताछ के लिए समन भेजा। मनीष रंजन अभी भू- राजस्व विभाग में सचिव है।