नई दिल्ली/पटना: बिहार के चर्चित और सख्त मिजाज वाले आईएएस अधिकारी केके पाठक का कद अब और बढ़ गया है। बिहार सरकार में अपर मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत रहे पाठक को केंद्र सरकार ने अब कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव (Special Secretary) के महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपी है। इस पद पर उनकी नियुक्ति को न केवल प्रमोशन के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह उनकी कार्यकुशलता और सख्त प्रशासनिक छवि की भी मान्यता है।
केके पाठक, जिनका पूरा नाम केशव कुमार पाठक है, 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। बिहार सरकार ने उन्हें 1 मई 2025 से केंद्र में योगदान देने के लिए रिलीव कर दिया है। शुरुआत में उन्हें एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद केंद्र सरकार ने उनके पद को उन्नत करते हुए विशेष सचिव बना दिया।
सूत्रों के अनुसार, पाठक 1 मई को दिल्ली में अपना नया कार्यभार संभाल सकते हैं। उनके सख्त रवैये और स्पष्ट सोच के कारण, उन्हें केंद्र में भी अहम जिम्मेदारियों के लिए तैयार माना जा रहा है। माना जा रहा है कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय के बीच समन्वय की महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
बिहार में विवादों के बीच सख्त प्रशासक की छवि
बिहार में रहते हुए पाठक खास तौर पर शिक्षा विभाग में अपने कड़क तेवर और अनुशासनात्मक फैसलों के लिए चर्चित रहे। उनके कई फैसलों के कारण शिक्षा विभाग और राजभवन आमने-सामने आ गए थे। हालांकि आलोचनाओं के बावजूद, उन्होंने प्रशासनिक ढांचे में पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूती दी।
अब लौटने की संभावना नहीं
पाठक की सेवानिवृत्ति अब निकट है और ऐसे में उनके मूल काडर यानी बिहार लौटने की संभावना बेहद कम मानी जा रही है। लंबे समय से वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की मांग कर रहे थे और अब उन्हें वह अवसर मिल गया है।
निष्कर्षतः, केके पाठक की यह नई भूमिका यह दर्शाती है कि ईमानदार, सख्त लेकिन परिणामोन्मुख प्रशासनिक कार्यशैली की हमेशा मांग रहती है — चाहे वह राज्य हो या केंद्र। उनके अनुभव और शैली का उपयोग अब केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर करेगी।