अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने मैच फिक्सिंग रैकेट का खुलासा किया है। 2021 एमिरेट्स टी-10 लीग के दौरान भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने के लिए कई खिलाड़ियों, अधिकारियों और कुछ भारतीय टीम मालिकों पर गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप 2021 अबूधाबी टी-10 लीग से जुड़े हैं। यह टूर्नामेंट 19 नवंबर 2021 से 4 दिसंबर 2021 के बीच हुआ था।
इस टूर्नामेंट में 6 टीमें खेलीं थीं। जिन लोगों पर आरोप लगा है, उनमें 2 भारतीय सह मालिक पराग संघवी और कृष्ण कुमार शामिल हैं। यह दोनों पुणे डेविल्स टीम के सह मालिक हैं। दोनों के अलावा इनके ही एक खिलाड़ी बांग्लादेश के पूर्व टेस्ट बल्लेबाज नासिर हुसैन पर भी लीग में भ्रष्टाचार रोधी संहिता के उल्लंघन के आरोप लगे हैं।
तीसरा आरोपी बैटिंग कोच सन्नी ढिल्लों
भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने वाला तीसरा भारतीय है, बल्लेबाजी कोच सन्नी ढिल्लों। ICC के अनुसार, आरोप 2021 अबु धाबी टी-10 क्रिकेट लीग और उस टूर्नामेंट में मुकाबलों को भ्रष्ट करने की कोशिश से संबंधित हैं, हालांकि इन प्रयासों को विफल कर दिया गया था। ICC को इस टूर्नामेंट के लिए अमीरात क्रिकेट बोर्ड (ECB) की ओर से नामित भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारी (DACO) के रूप में नियुक्त किया गया था।
इस तरह ECB की तरफ से ही यह आरोप जारी किए जा रहे हैं। पराग संघवी पर मैच के नतीजों और अन्य पहलुओं पर सट्टा लगाने एवं जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं करने के आरोप लगे हैं। इसके अलावा कृष्ण कुमार पर DACO से चीजों को छिपाने के आरोप हैं, जबकि ढिल्लों पर मैच फिक्स करने की कोशिश करने के आरोप हैं।
नासिर पर तोहफे की जानकारी का खुलासा नहीं करने का आरोप
बांग्लादेश के लिए 19 टेस्ट और 65 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले नासिर हुसैन पर DACO को 750 डॉलर से ज्यादा के तोहफे की जानकारी नहीं देने का आरोप लगा है। जिन अन्य लोगों को सस्पेंड किया गया है, उनमें बल्लेबाजी कोच अजहर जैदी, टीम मैनेजर शादाब अहमद और UAE के घरेलू खिलाड़ी रिजवान जावेद, सालिया समन शामिल हैं।
आरोपों का जवाब देने के लिए 19 दिन का मिला समय
3 भारतीयों समेत कुल 6 लोगों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। इन सभी के पास आरोपों का जवाब देने के लिए 19 सितंबर से 19 दिन का समय होगा।