उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के नागफनी इलाके के गौरी शंकर मंदिर को लेकर एक व्यक्ति ने पुलिस से शिकायत की थी. उसने शिकायती पत्र सौंपते हुए कहा था कि नागफनी इलाके की एक मुस्लिम बस्ती में करीब 100 साल पुराना मंदिर है जिसे उनके दादा ने बनवाया था, लेकिन मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग उन्हें मंदिर पर जाने नहीं देते. अब उनकी शिकायत के बाद पुलिस नागफनी इलाके में जांच के लिए पहुंची.
दरअसल चार दिन पहले सेवाराम नाम के व्यक्ति ने एक हिन्दू संगठन के साथ मिलकर इस मामले पर डीएम और एसएसपी को एक शिकायती पत्र सौंपा था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि नागफनी थाना इलाके के झब्बू के नाला स्थित मुस्लिम बस्ती में गौरी शंकर का प्राचीन मंदिर मौजूद है. वह मंदिर उनका पुश्तैनी है, जिसे लगभग 100 साल पहले उनके परदादा स्वर्गीय भीमसेन ने बनवाया था.
44 साल से मंदिर बंद था
लेकिन 1980 के मुरादाबाद दंगे के दौरान वहां पर हालात बिगड़ गए थे और उनके परदादा भीमसेन की हत्या हो गई थी. इसके बाद उनका परिवार वहां से पलायन करके मुरादाबाद के लाइनपार में बस गया था. उन्होंने पिछले सालों में जब भी मंदिर पर जाने की कोशिश की, तो मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उन्हें डरा धमका कर भगा दिया और मंदिर पर जाने नहीं दिया. तब से अब तक 44 साल से ये मंदिर बंद पड़ा था.
खुदाई में निकल रही मूर्तियां
अब उन्होंने जिला प्रशासन से लिखित शिकायत की थी. उनकी शिकायत को गंभीरता से लिया गया. इसके बाद एसडीएम सदर पुलिस टीम के साथ गौरी शंकर मंदिर पर पहुंचे. मंदिर की खुदाई के लिए नगर निगम की टीम को बुलाया गया और खुदाई शुरू की गई. कुछ देर बाद ही मंदिर के अंदर मिट्टी में दबी हुई खंडित मूर्तियां निकलनी शुरू हो गईं. मौके पर मौजूद एसडीएम सदर ने बताया कि खुदाई का काम चल रहा है और लगातार मूर्तियां निकल रही हैं.