तकरीबन 300 फीट ऊंचे और कई किलोमीटर के दायरे में फैले इस पहाड़ को इलाके में लोग नौ हत्था बाबा पहाड़ के नाम से जानते हैं. इस पहाड़ की काफी प्रसिद्धि है. हजारों लोगों की आस्था भी जुड़ी हुई है. हर ओर से निराश व्यक्ति इस पहाड़ के ऊपरी शिखर पर पहुंचकर मन्नत मांगने आता है. मान्यता है कि यहां मन्नत सच्चे हृदय से मांगा जाए, तो नौ हत्था बाबा उसे पूरी कर देते हैं.
‘नौ हत्था बाबा पहाड़ है चमत्कारी’ : इस पहाड़ की सबसे बड़ी अद्भुत मान्यता यह है कि पहाड़ी के शिखर पर मौजूद एक बड़ी शिला को लोग ‘नौ हत्था बाबा’ के प्रतीक के रूप में मानते हैं. उनकी पूजा करते हैं. इस प्रतीक रूप के बारे में मान्यता है कि इस प्राचीन शिला को बच्चा, जवान या बुजुर्ग कोई भी अपने हाथों से नापे तो नौ हाथ की ही होती है. बता दें, कि बच्चा और बुजुर्ग के हाथों की लंबाई का अंतर होता है, लेकिन इस स्थान से लोगों इस तरह की अद्भुत मान्यता जुड़ी हुई है, जो आस्था के रूप में सामने है.
”यह ईश्वरीय आशीर्वाद है और चमत्कार भी है. हम लोगों की आस्था और मान्यता भी है, कि बाबा नौ हत्था बाबा हमारे दुख को हरते हैं. खास बात यह है, कि इन्हें बड़ा या बच्चा कोई भी नापे, तो यह शिला नौ हाथ की ही होती है. आज भी नौ हत्था बाबा यहां विराजमान हैं.”– मुकेश कुमार, ग्रामीण.
300 फीट ऊंची पहाड़ी पर है स्थान : गया जिले के वजीरगंज प्रखंड अंतर्गत सकरदास नवादा पंचायत है. सकरदास नवादा गांव में ही नौ हत्था पहाड़ी है. यह पहाड़ी काफी दूर तक फैली हुई है. तकरीबन 300 फीट ऊंची है. इस पहाड़ी से लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई है. एक अजीबोगरीब मान्यता यह भी है, कि इस पहाड़ी पर रहे नौ हत्था बाबा की शिला को मापने के लिए सबके हाथ बराबर पड़ जाते हैं, यह शिला नौ हाथ की बताई जाती है.
शिखर पर पहुंचकर मन्नत मांगते हैं लोग : इस पहाड़ के शिखर पर पहुंचकर लोग मन्नत मांगते हैं. यदि कोई व्यक्ति किसी पीड़ा में हो और यहां आकर प्रणाम कर मन्नत मांग ले, तो उसकी मन्नत पूरी हो जाती है. यह यहां का दृढ़ विश्वास है और यही वजह है, कि काफी पुराने समय से इस तरह की मान्यता नौ हत्था बाबा पहाड़ से जुड़ी हुई है.
”नौ हत्था पहाड़ हमारे गांव की शान है. हम लोग चाहते हैं कि इस अद्भुत पहाड़ के बारे में राज्य, देश भर में लोग जाने एवं इसकी और प्रसिद्ध हो. नौ हत्था बाबा की अद्भुत महिमा है कि बच्चा या बड़ा नापे तो उनकी शिला नौ हाथ होती है. ऐसा उदाहरण कहीं देखने को नहीं मिलता है. यहां मन्नत भी पूरी होती है. यह स्थान अद्भुत है. पुराने समय से इस पहाड़ से जुड़ी महिमा रही है.” – कारू सिंह, प्रसिद्ध समाजसेवी, सकर दास नवादा
सावन में उमड़ती है भीड़ : इतनी बड़ी ऊंचाई वाले इस पहाड़ पर सावन के दिनों में काफी भीड़ लगती है. सावन के दिनों में पहाड़ पर पहुंचकर पूजा करने वालों का तांता लगा रहता है. उनके चमत्कार की बात हर ग्रामीण के जुबान पर है. यह पहाड़ भगवान बुद्ध का साक्षी भी है. यहां पर उनकी छोटी बड़ी मूर्तियां भी मिल चुकी हैं. अद्भुत मान्यता की वजह से लोग यहां श्रद्धापूर्वक आते हैं.
”नौ हत्था पहाड़ पहाड़ पर नौ हत्था बाबा की अद्भुत महिमा है. सबसे बड़ी बात यह है कि इसी पहाड़ के रास्ते भगवान बुद्ध भी चले थे और बोधगया पहुंचकर ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, तो सबसे बड़ी खास बात इस पहाड़ी को लेकर यह भी है और यहां भगवान बुद्ध की मूर्तियां भी मिली है. अद्भुत महिमा अद्भुत मान्यता को लेकर नौ हत्था पहाड़ की पूरे इलाके में प्रसिद्ध है. हम चाहते हैं कि भगवान बुद्ध से जुड़े इस ऐतिहासिक स्थान का नाम राज्य और देश में चर्चा में आए.”– मुन्ना कुमार, मुखिया, सकरा दास नवादा पंचायत, प्रखंड वजीरगंज