BJP नेताओं के घर में खुदाई हो तो कुछ न कुछ मिल जाएगा… संभल के मुद्दे पर अखिलेश यादव का तंज

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने संभल के मुद्दे पर तीखी टिप्पणी की है. संभल में और अन्य जगहों पर मंदिर मिलने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि फिरोजाबाद में भी अगर खुदाई की जाए तो कुछ न कुछ मिल जाएगा. बीजेपी नेताओं के घर में भी खुदाई करवाई जाए तो उनके यहां कुछ न कुछ मिल जाएगा.

वहीं उन्होंने पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण गुजरात में अपने प्राण त्यागे थे और उनके प्राण त्यागने के बाद से ही कलयुग की शुरुआत हुई है. जब उनसे यह पूछा गया कि आप यह बात अमित शाह और नरेंद्र मोदी के लिए बोल रहे हैं तो उन्होंने कहा आप भी रिसर्च करके देख लीजिए.

श्रीमद् भागवत कथा में शामिल होने फिरोजाबाद पहुंचे थे अखिलेश

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर उपराज्यपाल ने ईडी को जो आदेश दिया है उस पर अखिलेश यादव ने कहा की चुनाव आते ही ईडी आ जाती है. अखिलेश यादव फिरोजाबाद में श्रीमद् भागवत कथा में समाजवादी पार्टी के मैनपुरी के पूर्व विधायक राजू यादव के यहां पहुंचे थे.

संसद में धक्का-मुक्की के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा कि सभापति जी को सभी पार्टियों को बुलाकर बात करनी चाहिए थी. उन्होंने आगे कहा कि जो फर्रुखाबाद के विधायक हैं, वो चुनाव तो जीते नहीं है. सर्टिफिकेट के सांसद हैं, मैं उनसे कहूंगा कि अगर वह बीमार हुए हैं तो मैं उनके लिए डॉक्टर देकर मुफ्त इलाज करा दूंगा.

‘आंबेडकर के मुद्दे पर पूरी बीजेपी को माफी मांगनी चाहिए’

पूर्व सीएम ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर जी ने हमें संविधान दिया है. आंबेडकर के मुद्दे पर केवल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी को ही नहीं बल्कि पूरी बीजेपी को माफी मांगनी चाहिए. दरअसल, बाबा साहेब आंबेडकर के मुद्दे पर पूरा विपक्ष लामबंद है. समाजवादी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस और अन्य दल उनसे माफी की मांग पर अड़े हैं.

अखिलेश बोले- खुदाई से रास्ता नहीं निकलेगा

अखिलेश यादव ने कहा कि खुदाई से रास्ता नहीं निकलेगा. ये खोदने वाले भारत के सौहार्द को खोदेंगे. बीजेपी जानबूझकर इन मसलों को उठा रही है क्योंकि वो किसान के मुद्दे पर बात नहीं करना चाहती है. बीजेपी से किसान पूछेगा कि किसान की आय दोगुनी करने की बात की थी, लेकिन वो आज भी तकलीफ और परेशानी में हैं. जिस समय किसानों को डीएपी खाद की जरूरत होती है वो मिलती ही नहीं. फसलों की कीमत के लिए सरकार की ओर से कोई इंतजाम नहीं किए गए.