“मेरे रास्ते में आए तो फिर मुझे भी शरद पवार कहते हैं…” अजित पवार को दी चेतावनी

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महाराष्ट्र की सियासत का पारा फिर से चढ़ने लगा है। शरद पवार ने अप्रत्यक्ष रूप से अजित पवार को चेतावनी दी है। NCP (शरद पवार गुट) सुपीमो ने कहा कि मेरे रास्ते में आये तो फिर मुझे भी शरद पवार कहते हैं, मैं भी छोडूंगा नहीं। दरअसल, शरद पवार गुट की ओर से लोनावला में कार्यकर्ता सभा का आयोजन किया गया था। स्थानीय विधायक सुनील शेलके ने कार्यकर्ताओं को शरद पवार की सभा में ना जाने की धमकी दी है। ऐसा आरोप शरद पवार ने लगाया। सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने सीधे शब्दों में अजित पवार सहित उनके गुट के नेताओं और विधायकों को चेतावनी दी है।

सभा में क्या बोले शरद पवार?

बता दें कि मावल विधानसभा से सुनील शेलके विधायक हैं। सुनील शेलके अब अजित पवार गुट में हैं। इस सभा के दौरान शरद पवार ने आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक सुनील शेलके ने उनकी सभा में जाने वालों को धमकाया है। इसको लेकर कार्यकर्ता सभा का संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा,”आज इस सभा में ना आने के लिए यहां के स्थानीय विधायक (सुनील शेलके, अजित पवार गुट) कार्यकर्ताओं को धमकी दे रहे हैं। क्या लोकतंत्र में किसी की नीतियों के खिलाफ बोलना गलत है और किसी ने कुछ कहा तो क्या आप उसे धमकी देंगें। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आप विधायक किसकी वजह से बने?”

शरद पवार ने कहा- तो फिर छोड़ता भी नहीं

शरद पवार ने आगे कहा, “तुम्हारी (सुनील शेलके) सभा में कौन आया था? उस वक्त पार्टी का पुराना अध्यक्ष कौन था? आपके फॉर्म पर साइन किसके हैं। वो साईन मेरे हैं और आज उसी विचारधारा के कार्यकर्ताओं को सभा में आने से रोक रहे हैं? मैं आपसे विनती करता हूं कि एक बार आपने धमकी दी, अब बस दोबारा अगर ये हुआ तो फिर मुझे भी शरद पवार कहते हैं।  आप लोग अब फिक्र ना करें। वैसे मैं इस रास्ते से जाता नहीं लेकिन अगर वैसी परिस्थितियां पैदा की तो फिर उसे छोड़ता भी नहीं।”

कुछ दिन पहले ही एक ही मंच पर थे शरद और अजित

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही शरद पवार और भतीजे अजित एक ही मंच पर देखे गए थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार के प्रमुख शरद पवार इसी शनिवार को बारामती में ‘नमो रोजगार मेला 2024’ के उद्घाटन के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ मौजूद थे। बारामती पवार का गढ़ माना जाता है। शरद पवार का नाम इस रोजगार मेले के लिए आमंत्रित व्यक्तियों की सूची में शुरू में शामिल नहीं था लेकिन इसमें राकांपा संस्थापक की मौजूदगी ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।

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