बिहार के नेताओं में इन दिनों एक नया सा ट्रेंड देखने को मिल रहा है। आजकल बिहार के नेता काफी बढ़ चढ़कर बोल रहे हैं और उस दौरान वह कुछ ऐसा बोल जाते हैं वह न सिर्फ सुनने में अटपटा सा लगता है बल्कि कानून की नज़रों में भी वह काम गलत होता है। ऐसे में अब एक नेता जी ने भी फिर भाषाई मर्यादा को लांघा है।
बिहार के नेताओं में इन दिनों एक नया सा ट्रेंड देखने को मिल रहा है। आजकल बिहार के नेता काफी बढ़ चढ़कर बोल रहे हैं और उस दौरान वह कुछ ऐसा बोल जाते हैं वह न सिर्फ सुनने में अटपटा सा लगता है बल्कि कानून की नज़रों में भी वह काम गलत होता है। ऐसे में अब एक नेता जी ने भी फिर भाषाई मर्यादा को लांघा है।
दरअसल, बिहार के यह नेता कुछ दिन पहले तक बिहार सरकार में शिक्षक कि सेवा प्रदान कर रहे थे और उस समय विभाग के अपर मुख्य सचिव से विवाद को लेकर काफी सुर्ख़ियों में आए थे। इसके बाद यह चुनावी मैदान में उतर कर जीत हासिल किया और सीधे उच्च सदन पहुंच गए। इसके बाद इनके नाम कि काफी चर्चा हुई है की बिना किसी दल के समर्थन के बाद भी चुनाव में जीत हासिल कर लिया। लेकिन, अब यह नेता जी भाषाई मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं।
तिरहुत स्नातक क्षेत्र के एमएलसी बंधीधर ब्रजवासी शिक्षक नेता से विधान पार्षद बने हैं। अब उन्होंने बिहार के अफसरों और कर्मियों को जूता से पीटने की बात कही है। हालांकि उन्होंने यह बाते घूस मांगने वाले अफसरों और कर्मियों को लेकर कही है। एमएलसी ब्रजवासी ने कहा कि शिक्षा विभाग में जबरदस्त घूसखोरी है। शिक्षक समाज इस भ्रष्टाचार से त्रस्त हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यालय में बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता है। लेकिन इसका विरोध करना है। कहा कि अगर कोई घूस मांग रहा है और अगर विजिलेंस से पकड़वाने का साहस नहीं कर पाते हैं तो मुझे बताइए। जो घूस मांगता है उसका ऑडियो या वीडियो बना लीजिए और ब पैसा मांगे तो मुझे बुलाइए। आप पैसा दीजिएगा और हम पकड़कर जूता से पीटेंगे।
विधान पार्षद ने यह भी कहा कि हालांकि मेरा यह बयान असंसदीय है लेकिन, मैं पूरे होशो हवाश में बोल रहा हुं। रिश्वत मांगने वालों का इलाज कर देंगे चाहे जो हो जाए। नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार व्याप्त है। समस्तीपुर में विभूतिपुर के सिंघिया बुजुर्ग में एमएलसी का सम्मान समारोह रविवार को आयोजित किया गया था। शिक्षकों के द्वारा आयोजित समारोह में अपने संबोधन के दौरान एमएलसी ने ऐसा बयान दिया।
आपको बता दें कि ब्रजवासी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की परंपरागत सीट को छीन लिया। तिरहुत सीट लगभग दो दशक से जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर के पास थी। सीतामढ़ी से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी। बंशीधर व्रजवासी खुद नियोजित शिक्षक थे जिन्हें केके पाठक ने बर्खास्त कर दिया था।