राजनीति में हासिए पर पहुंच चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोजपा के चीफ पशुपति पारस को बिहार की डबल इंजन सरकार ने सात दिन का अल्टीमेटम दे दिया है। बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने पारस को 7 दिन के भीतर राष्ट्रीय लोजपा के कार्यालय वाला सरकारी बंगला खाली करने को कहा है और अगर ऐसा नहीं होता है तो जबरन बंगला को खाली कराया जाएगा। कहा जा रहा है कि चाचा की इस फजीहत से भतीजा काफी गदगद हैं।
दरअसल, बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार सिंह की तरफ से बीते 22 अक्टूबर को एक पत्र जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि 30 जून 2006 को लोक जनशक्ति पार्ची को कार्यालय के लिए सरकारी बंगला आवंटित किया गया था। जिसे खाली करने के लिए उप सचिव सह भू संपदा पदादिकारी ने भवन निर्माण के सयुक्त सचिव से अनुरोध किया था।
संयुक्त सचिव की तरफ से 15 दिनों की मोहलत देते हुए नोटिस जारी करने के बावजूद सरकारी बंगला खाली नहीं किया गया। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की तरफ से कहा गया कि हाई कोर्ट में मामला लंबित है लेकिन विभाग का कहना है कि कोर्ट ने इसपर किसी तरह का स्टे नहीं लगाया है बावजूद इसके 21 अक्टूबर तक बंगला खाली नहीं किया गया। विभाग ने कहा कि बंगला राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को नहीं बल्कि लोक जनशक्ति पार्टी को आवंटित किया गया है। ऐसे में राष्ट्रीय लोजपा का इससे कोई सरोकार नहीं है।
विभाग की तरफ से जारी अल्टीमेटम में कहा गया है कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को निर्देश दिया जाता है कि आदेश प्राप्ति के सात दिन के भीतर 1 व्हीलर रोड, शहीद पीर अली खान मार्ग, पटना स्थित आवास को खाली किया जाए। निर्धारित समय सीमा के भीतर अगर आवास खाली नहीं किया जाता है तो बाध्य होकर बलपूर्वक आवास को खाली कराया जाएगा। अब राष्ट्रीय लोजपा की इस फजीहत को लेकर सियासत शुरू हो गई है।