नई दिल्ली। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र गृह मंत्रालय ने फर्जी बैंक खातों का उपयोग कर बनाए गए गैर-कानूनी पेमेंट गेटवे के खिलाफ सतर्क किया है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं।
गुजरात पुलिस और आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा हाल में की गई राष्ट्रव्यापी छापेमारी में पता चला कि अंतरराष्ट्रीय अपराधियों ने खच्चर (म्यूल) या किसी और के खातों का संचालन कर अवैध डिजिटल पेमेंट गेटवे बनाए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त इस अवैध तंत्र का इस्तेमाल साइबर अपराधों से हासिल अवैध धन की लॉन्ड्रिंग के लिए किया जाता है। गृह मंत्रालय ने कहा कि सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से साइबर सुरक्षित भारत के निर्माण के लिए हरसंभव कदम उठाया जा रहा है।
नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अपने बैंक खाते, कंपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र/‘उद्यम आधार’ पंजीकरण प्रमाणपत्र किसी को न बेचें और न ही किराए पर दें। ऐसे बैंक खातों में किसी और द्वारा जमा अवैध धनराशि के लिए गिरफ्तारी सहित अन्य कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। बैंक उन खातों के दुरुपयोग की पहचान करने के लिए जांच कर सकते हैं जिनका इस्तेमाल अवैध पेमेंट गेटवे बनाने के लिए किया जाता है।