‘अगर हड़ताल पर गए तो…’, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कर्मचारियों को चेताया
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राजस्व अधिकारियों और उपायुक्त कार्यालयों के कर्मचारियों को प्रस्तावित हड़ताल पर जाने को लेकर बुधवार को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। भगवंत मान ने कर्मचारियों से कहा है कि भ्रष्ट कर्मचारियों के समर्थन में हड़ताल पर न जाएं क्योंकि राज्य सरकार भ्रष्टाचार से किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी। बता दें कि ‘रेवन्यू पटवार यूनियन’ और ‘रेवन्यू कानूनगो एसोसिएशन’ के बैनर तले 2000 से ज्यादा कर्मचारियों ने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन काम बंद हड़ताल का आह्वान किया है।
भगवंत मान ने कर्मचारियों को दी सख्त चेतावनी
दरअसल, एक हफ्ते पहले संगरूर जिले में एक पटवारी और एक कानूनगो (दोनों राजस्व अधिकारियों) के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया गया था। वहीं,‘उपायुक्त कार्यालय कर्मचारी संघ’ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 11 से 13 सितंबर तक काम बंद हड़ताल का आह्वान किया है। हड़ताल के आह्वान के जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कर्मचारियों से कहा कि अगर वे काम बंद हड़ताल पर जाते हैं, तो राज्य सरकार तय करेगी कि उन्हें काम वापस दिया जाए या नहीं। उनका इशारा इस ओर था कि कर्मचारी अपनी नौकरी गंवा सकते हैं।
जनता को परेशान नहीं होने दिया जाएगा: मान
सीएम मान ने कहा कि हड़ताल के कारण जनता को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पंजाबी में की गई एक पोस्ट में मान ने कहा, ‘जानकारी के अनुसार, रिश्वतखोरी मामले में शामिल अपने एक सहकर्मी के पक्ष में पटवारी, कानूनगो और अपनी निजी मांगों के लेकर डीसी (उपायुक्त) कार्यालय के कर्मचारी काम बंद हड़ताल पर जाने वाले हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि वे काम बंद हड़ताल पर जाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन राज्य सरकार बाद में फैसला करेगी कि उन्हें वापस काम दिया जाए या नहीं।’
‘भ्रष्ट लोगों के समर्थन में हड़ताल पर न जाएं कर्मचारी’
सीएम मान ने कहा कि कई शिक्षित बेरोजगार लोग हैं जो उनकी जगह काम करने को तैयार हैं, बस पंजाब के लोगों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। बाद में, एक बयान में मान ने कर्मचारियों से कहा कि वे अपने निहित स्वार्थों के लिए या भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे कर्मियों के समर्थन में हड़ताल पर आगे न बढ़ें। मान ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। राजस्व पटवार यूनियन और राजस्व कानूनगो एसोसिएशन ने दावा किया है कि उनके सदस्य के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है और FIR वापस लेने की मांग की है।
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