विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के सुप्रीमो मुकेश सहनी आज 16 अक्टूबर को निषाद संकल्प यात्रा के साथ हाजीपुर पहुंचे. हाजीपुर में कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि जिसने लड़ाई नहीं लड़ी, उसको कभी अपना अधिकार नहीं मिला. उन्होंने कहा कि लोग जहां आज चांद पर घर बना रहे हैं, वहीं निषाद समाज के लिए अपने ही राज्य में कोई जगह नहीं है. मुकेश सहनी ने कहा कि 1 अक्टूबर से शुरू हुई निषाद संकल्प यात्रा पूरे एक साल 2 अक्टूबर 2025 तक जारी रहेगी.
“हमारे पूर्वजों ने अपने सम्मान और अधिकार के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है, लेकिन फिर भी आज हम सबसे पीछे खड़े हैं. 10 साल पहले निषाद समाज को कोई नहीं पूछता था, लेकिन आज वीआईपी पार्टी की ताकत देखकर निषाद समाज से सब घबरा रहा है. सरकार अब हमारी होगी और अपने बलबूते होगी.”– मुकेश सहनी, वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
सरकार बनाने का संकल्पः वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने कहा कि आज एक भी निषाद का बेटा ऊंचे ओहदे तक नहीं पहुंच पा रहा है, इसका कारण आरक्षण नहीं मिलना है. अगर आरक्षण मिलता तो बहुत अच्छे-अच्छे पद पर हमारे बच्चे रहते. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय सारी बड़ी राजनैतिक पार्टियां आकर वीआईपी पार्टी से समर्थन मांगकर, गद्दी पर बैठ जाती है, उसके बाद निषाद समाज को भूल जाती है. इसलिए अब एकजुट होकर निषाद समाज अपनी सरकार बनाकर खुद अपना बेड़ा पार लगाएगा.
वोट की ताकत पहचानेंः अपने वोट के ताकत को पहचाने और सत्ता परिवर्तन कर निषाद समाज की सरकार बनाएं. मुकेश सहनी ने कहा कि आज निषाद समाज से देश के प्रधानमंत्री तक डर रहे हैं. निषाद समाज को गोलबंद देखर सबकी निगाहें आज राज्य के आगमी चुनाव पर टिकी हुई हैं. सब जानते है सबकी नैया पार लगाने वाले निषादों को अब पीछे ढकेलना संभव नहीं है. अब अपने दम पर आगे बढ़कर अपनी सत्ता पाएंगे. चंद रुपयों की लालच में अपने वोट को मत बेचिए. अपने आने वाले पीढ़ी को गुलामी की जिंदगी से आजाद करना है.
तीन चरणों में होगी यात्रा: मुकेश सहनी निषाद संकल्प यात्रा के तहत राज्य के हर जिले का दौरा कर लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. ‘सरकार बनाओ अधिकार पाओ’, यह संकल्प यात्रा तीन चरणों में पूरी की जाएगी.पहले चरण में हर जिले मुख्यालय में जाकर सभी पदाधिकारी से मिलकर संगठन की मजबूती पर चर्चा होगी. दूसरे चरण में सभी जिले में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. बूथ स्तर पर संगठन कैसे और मजबूत हो इस पर चर्चा होगी. तीसरे चरण में बिहार के हर जिले में निषाद सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.