पटना। राज्य के बालू घाटों की निगरानी ड्रोन के साथ हेलीकॉप्टर से भी की जाएगी। इसके लिए वैसे बालू घाटों का चयन किया जाएगा, जहां से अवैध खनन की शिकायतें बड़ी संख्या में सामने आएंगी। अवैध खनन रोकने के लिए हेलीकॉप्टर से वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
खान एवं भूतत्व मंत्री सह उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को विकास भवन सचिवालय के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि बालू घाटों की नीलामी के पहले इनका पर्यावरण क्लियरेंस और खनन प्लान तैयार कर दिया जाएगा। जिन्हें नीलामी में खनन पट्टा मिलेगा, उन्हें इसके साथ ही पर्यावरण क्लियरेंस समेत अन्य सभी जरूरी कागजात भी मुहैया करा दिए जाएंगे। इससे खनन शुरू करने में देरी नहीं होगी। खनन पट्टा मिलने के 15 दिनों के अंदर विभागीय पदाधिकारियों को भी ठेकेदारों को सभी जरूरी कागजात मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। ऐसा नहीं करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। पट्टा लेने वाले ठेकेदार के स्तर से खनन कार्य शुरू करने में अकारण देरी करने पर भी जुर्माना वसूला जाएगा।
अपने खेत से मिट्टी ढोने वालों पर कार्रवाई नहीं
उन्होंने कहा कि अपने खेत से मिट्टी ढोने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस बार खनिजों के बेहतर प्रबंधन से राजस्व उगाही में वृद्धि हुई है। अब तक कुल लक्ष्य का 80 राशि जमा हो गई है। पहली बार राज्य में खनिज ढोने वाले वाहन मालिकों को राहत दी गई है। चालान पर दर्ज खनिज का कुल वजन से 5 फीसदी अधिक मात्रा में खनिज को ढोया जा सकता है।
190 घाटों पर खनन शुरू
विभागीय अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में 190 बालू घाटों पर खनन प्रक्रिया शुरू हो गई है। सभी बालू घाटों से रोक हटने के बाद 16 अक्टूबर से खनन कार्य फिर से शुरू हो गए हैं। 25 घाटों के लिए पर्यावरण संबंधित अनुमति जल्द मिल जाएगी। इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके बाद घाटों की संख्या 215 हो जाएगी। शेष घाटों पर खनन प्रक्रिया जल्द शुरू करने की कवायद तेजी से चल रही है। बालू घाटों की कुल संख्या 980 है।