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जमुई में दाखिल खारिज के नाम पर अवैध वसूली का खेल जारी, राजस्व कर्मचारी का ऑडियो वायरल

ByLuv Kush

फरवरी 15, 2025
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जमुई के गिद्धौर अंचल कार्यालय के राजस्व कर्मचारी का ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे सुनकर ऐसा लगता है कि यहां दाखिल-खारिज के नाम पर पैसे का खेल चलता है। हालांकि इस वायरल ऑडियों की पुष्टि फर्स्ट बिहार नहीं करता। दरअसल जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड कार्यालय में इन दिनों रिश्वत का खेल चरम सीमा पर है।

लोगों का कहना है कि यहां के अधिकारी और राजस्व कर्मचारी बिना चढ़ावा चढ़ाये कोई काम नहीं करते। यदि कोई व्यक्ति काम के बदले रिश्वत नहीं देता है, तो उसका काम नहीं किया जाता और लंबे समय तक काम को लटका कर रखा जाता है। इस काम के सिलसिले में लोग कार्यालय का चक्कर लगाते रहते हैं। ताजा मामला गिद्धौर अंचल कार्यालय का है, जहां एक राजस्व कर्मचारी सुभाष कुमार एवं प्रखंड का ही एक व्यक्ति जो सोहजाना निवासी टिंकू तिवारी है।

दाखिल खारिज के नाम पर रुपए लेनदेन का ऑडियो वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में दो हजार से चार हजार रुपए तक के लेनदेन का ऑडियो वायरल हो रहा है। ऑडियो में बताया जा रहा है कि विगत दिनों भूमि मालिक ने दाखिल खारिज के लिए गिद्धौर अंचल कार्यालय में आवेदन दिया था, इसके बाद दाखिल खारिज करने के नाम पर कर्मचारियों ने चार हजार रुपए एवं सीओ द्वारा बीस हजार रुपए की मांग की गई थी। जिसके बाद उक्त भूमि मालिक ने पैसे दिए थे।

लेकिन कुछ कारणवश वह दाखिल खारिज कैंसिल हो गया और मामला उच्च स्तर तक पहुंच गया। जिसके बाद भूमि मालिक ने सीओ को दिए गए बीस हजार रुपए वापस ले लिए और राजस्व कर्मचारी को दिए रुपए उनसे वापस करने की मांग कर रहे हैं। वायरल ऑडियो में राजस्व कर्मचारी स्वयं दो हजार रुपए लेने की बात स्वीकार कर रहे हैं। राजस्व कर्मचारी सुभाष कुमार से मामले के संदर्भ में पूछे जाने पर कहा कि आइए न सर मिलेंगे आपसे। किसी तरह खबर को रोक दीजिए। मिलकर बात करते हैं।

वहीं मामला प्रकाश में आने के बाद गिद्धौर के पूर्व प्रखंड प्रमुख श्रवण यादव ने कहा कि गिद्धौर प्रखंड कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। बिना चढ़ावा के कर्मी काम नहीं करते। दिनों दिन घूसखोरी में राशि बढ़ती ही जा रही है। लिए जा रहे चढ़ावे में सभी की सांठगांठ होती है, इसलिए इन्हें फ्री हैंड मिला हुआ है। अब जब वायरल ऑडियो में कर्मचारी और ग्रामीण स्वयं स्वीकार कर रहे हैं तो विभागीय स्तर पर जांच करते हुए संबंधित सरकारी कर्मियों पर विधिसम्मत कार्रवाई की जानी चाहिए।


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