बिहार में रेमल तूफान का असर, बगहा में आंधी के कारण सैकड़ों एकड़ में लगी केले की फसल बर्बाद

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बिहार के बगहा में आंधी के कारण किसानों को काफी क्षति हुई. गुरुवार और शनिवार को आई आंधी ने गंडक दियारा पार के चार प्रखंडों में केले की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाया है. केले की फसल बर्बाद होने के बाद किसान काफी परेशान हैं. इस साल मुनाफा तो दूर इसकी लागत निकाल पाने की भी संभावना नहीं दिख रही है. अधिकांश किसानों ने लीज पर जमीन लेकर खेती की थी।

दो दिनों की आंधी ने पहुंचाया नुकसानः 30 मई और 1 जून की रात में आई तेज आंधी ने केला उत्पादक किसानों को सांसत में डाल दिया है. गुरुवार की रात्रि 8 बजे रेमल तूफान का असर बगहा के विभिन्न इलाकों में दिखा. तेज आंधी ने केला किसानों के मेहनत पर पानी फेर दिया. इसके बाद रही सही कसर शनिवार की रात आई आंधी ने पूरी कर दी. दो दिनों के इस आंधी में केला की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।

’15 बीघा में खेती की थी’: बगहा अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत गंडक दियारा पार के पिपरासी, भितहा, मधुबनी और ठकराहा में छोटे छोटे किसान लीज पर जमीन लेकर केले की खेती करते हैं. पिपरासी प्रखंड के मंझरिया, मुड़ाडीह, सेमरा लबेदहा, खोतहवा, डीही इत्यादि गांवों में फसल नष्ट होने से किसानों की पूंजी डूब गई. मंझरिया खास गांव के किसान दिनेश कुशवाहा, राम बेलास कुशवाहा, उमेश कुशवाहा, पारस कुशवाहा बताते हैं कि लीज पर जमीन लेकर कुल 15 बीघा में खेती की थी।

“अब केला के पेड़ों में फल निकलने वाला था. कुछ पेड़ में फल लग गए थे. जिस तरह से बेहतर उत्पादन नजर आ रहा था उस हिसाब से फुटकर बाजार में 20 से 30 रुपए दर्जन का रेट मिलता लेकिन अब सारी मेहनत बेकार चली गई है.” -दिनेश कुशवाहा, किसान

मुआवजा की मांग: फसल नुकसान को लेकर किसानों ने मुआवजा की मांग की है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी प्रशासन से नुकसान का आंकलन कर किसानों को मदद पहुंचाने की मांग की है. सीओ ने आश्वासन दिया है कि नुकसान का आंकलन कर जिला प्रशासन को भेजा जाएगा. किसानों को क्षति पूर्ति दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

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