भागलपुर अगुवानी घाट पर गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त हो जाने के मामले को लेकर पटना हाइकोर्ट में दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने पुल निर्माण करने वाली कंपनी एसपी सिंगला को निर्देश दिया कि- वह 25 अगस्त तक शपथ पत्र दायर कर यह अंडरटेकिंग दे कि वह अपने खर्च से इस पुल के ध्वस्त भाग का निर्माण करेगा। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हाइकोर्ट के अधिवक्ता मणि भूषण प्रताप सिंगर द्वारा दायर किए गए लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
वहीं, इस मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि घटिया एवं खराब सामान लगाने के कारण यह पुल ध्वस्त हो गया है। इस कंपनी द्वारा बनाए जा रहे पुल के ध्वस्त होने की शिकायत लगातार मिल रही है। इसका कारण यह है कि पुल के निर्माण में जो भी सामग्री लगाया जा रहा है वह घटिया किस्म का लगाया जा रहा है। इसलिए यह पुल दोबारा टूटा है। ऐसे में अब कोर्ट पुल निर्माण कंपनी को अपने खर्च से पुल निर्माण कराने का आदेश दिया है।
मालूम हो कि, इससे पिछली सुनवाई में कोर्ट में एसपी सिंगला कंपनी के एमडी एसपी सिंगला दोनों उपस्थित थे। इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को घटना की पूरी जानकारी हलफनामा के माध्यम से देने को कहा था। विकास कुमार मेहता की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता एसडी संजय ने कहा कि राज्य सरकार की रिपोर्ट की कॉपी उन्हें दी जाये। उस रिपोर्ट की कॉपी का अध्ययन करने के बाद वे अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखेंगे।
इससे पूर्व जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की एकलपीठ ने ग्रीष्मावकाश के दौरान इस मामले को लेकर ललन कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने गंगा नदी पर बन रहे खगड़िया के अगुवानी- सुल्तानगंज के निर्माणाधीन चार लेन पुल के ध्वस्त होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए निर्माण करने वाली कंपनी के एमडी को 21जून, 2023 को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। बाद में इस मामले में हाइकोर्ट के अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने एक जनहित याचिका दायर की। पटना हाईकोर्ट अब दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
आपको बताते चलें कि, सुल्तानगंज अगुवानी घाट पुल के गिरे महिनों बीत गए। आईआईटी रुड़की ने पुल के 10,11 और 12 नंबर पिलर के डैमेज होने और 9 से 13 नंबर पिलर के बीच के सेगमेंट के गिरने के संबंध में जो रिपोर्ट पुल निर्माण निगम को सौंपी है,उसमें निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला पर आंच आती नहीं दिख रही। रिपोर्ट के मुताबिक अलग से ढाले गए सेगमेंट को पिलर पर चढ़ाने के क्रम में स्ट्रेचिंग के दौरान लोड बढ़ जाने से (डिजाइन में फॉल्ट) पुल के सेगमेंट धराशायी हुए पिलर डैमेज हुए। इसके पहले 30 अप्रैल 2022 को पिलर नंबर 4 और 5 के बीच के सेगमेंट धाराशायी हुए थे. उस समय भी आईआईटी रुड़की ने गिरने का यही कारण बताया था।