पटना: मंगलवार को नीतीश कैबिनेट में आयुष्मान की तर्ज पर स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का फैसला लिया गया. बिहार सरकार 58 लाख परिवारों को 5 लाख तक का मुफ्त इलाज कराएगी, मंगलवार को कैबिनेट में इस पर भी मुहर लगी है. इन परिवारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ, इसी वित्तीय वर्ष 2024-25 से मिलने लगेगा।
58 लाख परिवार का बीमा कराएगी सरकार: बिहार में एक करोड़ 21 लाख परिवार आयुष्मान योजना से लाभान्वित हैं, जबकि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में एक करोड़ 79 करोड़ परिवार हैं. ऐसे में केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से वंचित 58 लाख परिवारों को राज्य सरकार अपने संसाधनों से 5 लाख तक का बीमा कैशलेस करने की व्यवस्था करेगी।
प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ: वहीं 40506 प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर भी कैबिनेट में फैसला लिया गया है. लंबे समय से प्रारंभिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक की नियुक्ति का मामला लटका हुआ था. नियमावली नहीं रहने के कारण नियुक्ति नहीं हो पा रही थी, लेकिन अब कैबिनेट में नियमावली पर मुहर लग गई है।
विश्वविद्यालयों में इंटर की पढ़ाई बंद: इसके साथ ही कैबिनेट में यह फैसला लिया गया कि कॉलेज में अब इंटर की पढ़ाई नहीं होगी. पटना विश्वविद्यालय में पहले से इंटर की पढ़ाई नहीं हो रही है, अब दूसरे विश्वविद्यालयों के कॉलेज में भी इंटर की पढ़ाई बंद कर दी जाएगी. सरकारी 10 प्लस टू विद्यालयों में ही इंटर की पढ़ाई होगी. सभी संवैधानिक आयोग बोर्ड के पुनर्गठन का भी कैबिनेट में फैसला लिया गया है।
30 से ज्यादा एजेंडों पर मुहर: दरअसल नीतीश कैबिनेट की बैठक में 35 फैसलों पर मुहर लगी है. जिसमें शिक्षा विभाग के अलावा स्वास्थ्य विभाग के 58 लाख परिवारों का स्वास्थ्य बीमा करने का भी फैसला लिया गया है. इसके तहत 5 लाख रुपए तक का बीमा बिहार सरकार कराएगी. इसका लाभ 2024-25 से मिलने की संभावना है. इसके अतिरिक्त 176 आउट पोस्ट को नीतीश सरकार ने थाना में बदलने का फैसला लिया है. 5 पुलिसकर्मी वाले ये आउट पोस्ट अब थानों की ही तरह काम करेंगे।