राज्य के सरकारी हाई स्कूलों व प्लस टू में सभी घंटियों में कंप्यूटर की पढ़ाई होगी। हर घंटी में नौंवीं से 12वीं के किसी-न-किसी वर्ग (सेक्शन) के बच्चे को कंप्यूटर सिखाया जाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग समय-सारिणी तय कर रहा है। विशेषज्ञों से भी इस कार्य में सहयोग लिया जा रहा है। जल्द ही इस संबंध में सभी माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
राज्य के सभी माध्यमिक-उच्च माध्यमिक और कुछ चिह्नित मध्य विद्यालयों में आईसीटी लैब की स्थापना की जा रही है। इसके लिए माध्यमिक में 20-20 तो मध्य विद्यालय में दस-दस कंप्यूटर उपलब्ध कराने की पहल शुरू कर दी गई है। जिला शिक्षा पदाधिकारियों को टास्क भी दे दिया गया है।
कंप्यूटर प्रशिक्षक को भी विद्यालयों में 16 हजार रुपए महीने के मानदेय पर रखने का आदेश जारी हो चुका है। कंप्यूटर प्रशिक्षक की सेवा प्राप्त करने के लिए एजेंसी तय कर दी गई है। विभाग की तैयारी है कि आईसीटी लैब किसी भी घंटी में खाली नहीं रहे। खासकर नौंवीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए यह नियम बन रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए समय-सारणी तय की जाएगी।
मानक तय करने पर विचार कर रहा विभाग
विद्यार्थियों को कंप्यूटर की न्यूनतम क्या-क्या जानकारी दी जाएगी, इसके लिए भी विभाग एक मानक तय करने पर विचार कर रहा है। विभाग ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से कंप्यूटर के पाठ्यक्रम की भी जानकारी ली है ताकि मानक तय करने में सुविधा हो। किस एजेंसी से विद्यालयों में कंप्यूटर लगाए जाएंगे, यह भी विभाग ने पहले ही तय कर दिया है।
इस संबंध में विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को यह स्वतंत्रता दी है कि वह चयनित एजेंसियों में से किसी एक से अपने जिले के विद्यालयों में कंप्यूटर (डेस्कटॉप) अथवा लैपटॉप लगवा सकेंगे। इसको लेकर डीईओ को विशेष रूप से यह भी हिदायत दी गई है कि विद्यालयों में कंप्यूटर लगने से पहले सुरक्षा कर्मी की तैनाती अवश्य करा दें।