बिहार में मानसून की सक्रियता के कारण अधिकांश जगह बारिश हो रही है. खासकर उत्तर बिहार के इलाके में कई जगह अच्छी बारिश से नदियों का जलस्तर और बढ़ा रहा है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार कोसी, बागमती, महानंदा, कमला बलान जैसी नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर: केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंडक नदी गोपालगंज के डुमरिया घाट में 77 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. बागमती नदी मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में 85 सेमी खतरे के निशान से ऊपर है. कमला बलान नदी मधुबनी जिले के झंझारपुर में 118 सेंटीमीटर ऊपर है कोसी नदी खगड़िया के बलतारा में खतरे के निशान से 89 सेंटीमीटर ऊपर है।
पूर्णिया में भी महानंदा निशान से ऊपर: वहीं, महानंदा नदी पूर्णिया जिले के ढेंगरा घाट में 121 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. महानंदा नदी कटिहार के झावा में खतरे के निशान से 39 सेंटीमीटर ऊपर है. परमान नदी अररिया में खतरे पके निशान से 66 सेंटीमीटर ऊपर है. कई नदियों में जलस्तर में और वृद्धि होने के संकेत हैं तो कुछ में जलस्तर घट भी सकता है।
वाल्मीकि नगर में रिकार्ड बारिश: इधर, मौसम विभाग के अनुसार कोसी, महानंदा, बागमती, अधवारा, एवं गंडक नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में साधारण से माध्यम बारिश होने की संभावना है. पिछले 24 घंटे में 50 मिलीमीटर से अधिक जहां बारिश रिकार्ड की गई है, उसमें वाल्मीकि नगर 133.6 मिली मीटर और मांझी 53 मिली मीटर शामिल है।
दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर नीचे: वहीं, अगर गंगा के जलस्तर को लेकर बात करें तो आज दीघा घाट पर 47.49 सेंटीमीटर है, जहां खतरे का निशान 50.45 सेंटीमीटर पर होता है. वहीं, गांधी घाट पर जलस्तर 46.99 है, जहां खतरे का निशान 48.60 सेंटीमीटर पर होता है. हाथीदह घाट पर जलस्तर 39.48 है, यहां खतरे का निशान 41. 76 पर होता है।
मुंगेर में भी फिलहाल राहत: इसके अलावा मुंगेर में गंगा का जलस्तर 35.29 है, यहां खतरे का निशान 39.33 होता है. भागलपुर में गंगा का जलस्तर 29.40 है, यहां खतरे का निशान 33.68 होता है. वहीं, फरक्का घाट पर जलस्तर 19.34 है, यहां खतरे का निशान 22.25 पर होता है।
जलस्तर बढ़ने से हो रही परेशानी: गौरतलब हो कि, उत्तर बिहार की प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति है. वहीं गंगा नदी के जलस्तर में पिछले एक सप्ताह में 2 मीटर से अधिक वृद्धि रिकॉर्ड की गई है और लगातार वृद्धि हो रही है. हालांकि खतरे के निशान से गंगा सभी जगह अभी नीचे बह रही है. लेकिन जलस्तर बढ़ने का असर दियारा इलाकों में साफ़ दिख रहा है।