एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने मंगलवार को सीएन नीतीश से लेकर महागठबंधन के नेताओं तक पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में अभी भी जंगल राज का खात्मा नहीं हुआ है. एनडीए के लोग हो या महागठबंधन के लोग सभी लोग शब्दों की बाजीगरी करते है।
‘भ्रष्टाचार से लोगों की कमर टूट रही’: उन्होंने कहा कि नीतीश जी जब सता में आए थे तो कहा था कि करप्शन को रोकेंगे, कम्युनलिज्म को रोकेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ. बिहार में भ्रष्टाचार इतना है कि लोगों की कमर टूट रही है. साथ ही कहा कि सभी विभाग में घोटाला हो रहा है. आरडब्लूडी में बैठकर सरकार अधिकारी जनता की गाढ़ी कमाई लूट रहे है. वहीं, पीडब्ल्यूडी विभाग में भी सभी विभागों की तरह ही काम हो रहा है. लेकिन जनता को सुनने वाला कोई नहीं है।
सरकारी अस्पताल में नहीं हो सकता इलाज: उन्होंने डबल इंजन की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में एक भी ऐसा सरकारी अस्पताल नहीं, जहां पर सही से इलाज किया जा सके. किसी अस्पताल में चल जाइए कहीं भी आपको जगह नहीं मिलेगी. मंत्री, मुख्यमंत्री या अधिकारी बीमार होते हैं तो बाहर इलाज करा लेते है, लेकिन बिहार की गरीब जनता इलाज के लिए इधर से उधर भटकते रहती है।
प्राइवेट स्कूल में मनमानी फीस: उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में प्राइवेट स्कूल का बोलबाला है. मनमानी फीस लिया जा रहा है. सरकारी स्कूल में सुविधा उपलब्ध नहीं है. बिहार से पलायन हो रहा है. जिम्मेदार कौन है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही इसके असली जिम्मेदार है. वो कहते हैं कि प्रदेश में विकास हो रहा है, विकास कहां हो रहा है ये किसी को नहीं पता।
कार्यालय में लूट खसोट जारी: इसके अलावा कहा कि सरकारी स्कूलों का ठीक से संचालन नहीं किया जा रहा है. अधिकारियों का मनमानी जारी है. अंचल कार्यालय में लूट खसोट जारी है. अंचल के अधिकारी अपने अरदली के द्वारा जनता के गाढ़ी कमाई को लूटकर शहर में संपति बना रहे है जनता त्राहि माम कर रही है. ऐसी सरकार को देखकर हम कह सकते है की बिहार में जनता के लिए अभी भी जंगल राज है. ये लोग सिर्फ शब्दों की बाजीगरी करना जानते है।
“पूरा तंत्र ही भ्रष्ट हो गया है. अधिकारी मनमानी कर रहे हैं और मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं. बिहार में जनता पूरी तरह से बेहाल है. उसका सबसे बड़ा कारण है भ्रष्टाचार. चाहे वह महागठबंधन के लोग हो या एनडीए के लोग हो सभी अपनी भाषा बोलकर लोगों को बरगला रहे हैं. बिहार की जो सच्चाई है उसे ना कोई बताने की कोशिश कर रहा है और ना ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही है.” – अख्तरुल ईमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम