छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में 80 वर्षीय वृद्ध महिला लालमणि को उसकी बहू ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। लालमणि के चार बेटे और तीन बेटियां हैं। बावजूद इसके आज बुढ़ापे में बुजुर्ग महिला दर- दर की ठोकरे खा रही हैं। बताया गया कि पिछले कई महीने से यह वृद्ध महिला भीख मांग कर अपना गुजारा कर रही है। वहीं लगभग 15 दिन पहले तबीयत खराब होने की स्थिति में स्थानीय लोगों के द्वारा इसे जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया था, जहां इलाज के बाद अब वह स्वस्थ बताई जा रही है।
वहीं रहने का ठिकाना नहीं होने की वजह से जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट परिसर के एटीएम में यह महिला सो रही थी, तभी स्थानीय लोगों के द्वारा सखी सेंटर को इसकी जानकारी दी गई। जानकारी मिलने के बाद सखी सेंटर के कर्मचारियों के द्वारा वृद्ध महिला को सखी सेंटर लाया गया जहां पूछताछ में लालमणि ने बताया कि कई साल पहले उसके पति की मृत्यु हो गई थी, उसके कुछ साल बाद उसके एक बेटे की भी मौत हो गई।
बाकी बेटों ने वृद्ध महिला को अपने पास रखने से साफ तौर पर मना कर दिया, जिसके बाद वह अपने विधवा बहू के पास रह रही थी, कुछ दिनों बाद बहू का कहर शुरू हुआ और उसके साथ मारपीट की जाने लगी, उसके बेटों और बहु के द्वारा उसके जमीन को बहला फुसलाकर अपने नाम कर लिया गया और उसे घर से निकाल दिया गया।
फिलहाल यह महिला सखी सेंटर में है और अपनी बहू के पास जाने से साफ तौर पर मना कर रही है। वहीं सखी सेंटर के कर्मचारियों के द्वारा वृद्ध महिला के घर वालों से संपर्क साधा जा रहा है, उनके अनुसार यदि लालमणि घर नहीं जाना चाहेगी, तो उसे वृद्धा आश्रम भेज दिया जाएगा। इस पूरे मामले में एक बात विचार करने लायक है कि मां-बाप अपने कई बच्चों का भरण पोषण कर लेते हैं, लेकिन बुढ़ापे में आखिर क्यों कई बच्चे एक मां बाप का भरण पोषण नहीं कर पाते हैं??