दरभंगा में MBA स्टूडेंट्स ने दीपोत्सव मनाकर किया रामलला का स्वागत, सियाराम की धुन पर झूमे छात्र
अयोध्या में रामलाल प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बिहार के दरभंगा जिले में भी जश्र का माहौल है. स्कूल से लेकर कॉलेज के छात्रों तक हर कोई भक्तिमय में डूबा हुआ है. इसी क्रम में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के MBA के छात्र-छात्राओं ने भी सोमवार को दीपोत्सव मनाया गया है।
छात्र-छात्राओं ने मनाया दीपोत्सव
मिली जानकारी के अनुसार, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के छात्रों ने दरभंगा राज परिवार द्वारा स्थापित राम मंदिर में दीपों से सियाराम लिखकर दीपोत्सव मनाया है. इस दौरान सभी सियाराम के धुन पर जमकर झूमे. वहीं, छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित दीपोत्सव में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति और संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने भी भाग लेकर सभी का हौसला बढ़ाया।
सरकारी छुट्टी नहीं मिलने से स्टूडेंट्स निराश
वहीं, दीपोत्सव का नेतृत्व कर रही MBA छात्रा शिखा ने कहा कि अयोध्या में आज हमारे पाहून राम का प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है. वहीं हमारी मां सीता का घर मिथिला है. इसीलिए हमलोग यहां पर भी दीपोत्सव माना रहे है. वहीं उन्होंने कहा कि आज पूरा दरभंगा भगवा रंग से रंगा हुआ है. हर जगह सिया राम का नारा लगा रहा है।
“आज के दिन बिहार सरकार ने किसी प्रकार की छुट्टी नहीं दी है. इसके बावजूद हमलोग अपना क्लास छोड़कर यहां पर दीपोत्सव माना रहे है. यहां राम मंदिर हमारे MBA डिपार्टनेट के बगल में है. यह मंदिर 300 साल पुराना और बहुत ही अद्भुत है. हमलोग इस दीपोत्सव को मनाने के लिए सुबह 6 बजे से लगे हुए है. ” – शिखा कुमारी, MBA छात्रा
हनुमान के पास तीर धनुष पूरे भारत वर्ष में कहीं नहीं
वहीं, दीप उत्सव कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति शशिनाथ झा ने बताया कि ये राम मंदिर दरभंगा महाराज के द्वारा बनावाया हुआ है. इस मंदिर का निर्माण महाराज क्षत्र सिंह ने 1807 में इसकी स्थापना की थी. इस राम मंदिर में भगवान राम का राज्य अभिषेक को दर्शाया गया है. गर्भगृह मे गुरु वशिष्ठ, हनुमान जी, राम सीता के अलावा चारों भाई और पूरे दरबार को दर्शाया गया है।
पूरे भारत वर्ष में ऐसा मंदिर नहीं
वहीं, उन्होंने कहा कि रामायण में जो राम दरबार का वर्णन है, उसके अनुसार इसको निर्मित किया गया है. वहीं उन्होंने कहा कि राम के सबसे निकटतम हनुमान जी थे. इसीलिए राज अभिषेक के वक्त राम जी का तीर धनुष हनुमान जी के पास इस गर्भगृह में दर्शाया गया है. पूरे भारत वर्ष में ऐसा कोई दूसरा मंदिर नहीं है।
मां जानकी की धरती पर राम भजन
वहीं, दीपोत्सव के अवसर पर राम भजन गा रही प्रिया प्रशांत झा ने कहा कि आज मुझे बहुत खुशी हो रही है की अयोध्या में 5 सौ वर्ष के बाद राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा हो रहा है. मुझे मां जानकी की धरती पर राम भजन गाने का मौका मिला है. आजतक जितना प्रोग्राम किए है, उस में से सबसे अधिक हम आज खुशी है. यह वास्तव में बहुत ही अद्भुत पल है।
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