पिछले 2 दशकों में अमीरों की संपत्ति में चार गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। जबकि गरीबों के पास इसके ठीक उलट संपत्ति घट रही है। ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथवेल्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि भारत में अरबपतियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2020 में भारत में 102 अरबपति थे वहीं 2022 में बढ़कर 166 हो गए। इसी साल स्विट्जरलैंड के दावोस में जारी सर्वाइवल ऑफ रिचस्ट की रिपोर्ट के अनुसार 2012 से 2021 के बीच भारत में जितना धन हुआ उसका 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सा सिर्फ एक फीसदी लोगों के पास हैं।
सबसे अमीर लोगों की दौलत 86 फीसदी बढ़ी
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि 2003 से 2022 के बीच सबसे धनी 20 फीसदी लोगों की औसत संपत्ति 82 फीसदी बढ़ी है। जबकि सबसे अमीर पांच फीसदी लोगों की दौलत तो 86 फीसदी बढ़ चुकी है। रिपोर्ट में मध्यम वर्ग के लोगों को लेकर भी एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार 20 फीसदी लोगों की संपत्ति में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि गरीबों की संपत्ति का ग्राफ केवल 20 फीसदी ही रहा।
10 फीसदी अमीरों के पास 77 प्रतिशत संपत्ति
शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि भारत में बीते सालों में असमानता में वृद्धि हो रही है। ऑक्फैम की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत असल में दुनिया में सबसे ज्यादा असमानता वाले देशों में है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के सबसे धनी 10 फीसदी लोगों के पास 77 प्रतिशत संपत्ति है। 2017 में देश में जितनी संपत्ति में बढ़ोतरी हुई उसका 73 फीसदी सिर्फ 1 फीसदी लोगों को मिला। जबकि निचले तबके के 67 करोड़ लोगों की संपत्ति में 1 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2021 में देश की 40 फीसदी संपत्ति 1 फीसदी लोगों के पास थी।
महामारी ने डाला असर
भारत में 2021-22 में महामारी के कारण लागू किए विशेष उपायों को हटा लिया गया। इसके बाद गरीबों की आय फिर घट गई। सबसे गरीब 20 फीसदी लोगों की आय में 3.5 फीसदी की गिरावट आई। जबकि सबसे अमीर 20 फीसदी लोगों की आय में सिर्फ 0.1 फीसदी की गिरावट आई।